ज्ञान की भूमि है भारत, वेदों की परंपरा कराती है साक्षात दर्शनः मुख्यमंत्री

  • सीएम ने अयोध्या में संत रामानुजाचार्य की ‘मर्यादा मूर्ति’ (स्टेच्यु ऑफ डिग्निटी) का किया अनावरण
  • सीएम बोले-यह है नया भारत, आध्यात्मिक सांस्कृतिक परंपरा पर हो रही गौरव की अनुभूति

12 अक्टूबर, अयोध्या/लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत दुनिया में ज्ञान की भूमि है। वेदों की परंपरा उसका साक्षात दर्शन कराती है। वैदिक मंत्र दृष्टा ऋषियों ने उद्घाटित किए। वे अपने को मंत्र दृष्टा तो कहते हैं पर मंत्र सृष्टा नहीं। यही भारत की परंपरा है। इससे जुड़ते हुए समय-समय पर आध्यात्मिक दृष्टि से परिपूर्ण संतों, ऋषियों का सानिध्य भारत को प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में श्री रामानुजाचार्य जी की 1000वीं जयंती पर गोलाघाट स्थित अम्मा जी मंदिर में उनकी ‘मर्यादा मूर्ति’ (स्टेच्यु ऑफ डिग्निटी) के अनावरण के उपरांत यह बातें कहीं।  

सीएम ने कहा कि अद्वैत हो,  द्वैत हो, विशिष्टता द्वैत हो, यह मंजिल तक पहुंचने के अलग-अलग मार्ग हैं। जिसका अनुसरण करके लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो, संतों ने हमें वह राह दिखाई। भारतीय मनीषा ने यह कभी नहीं कहा कि मैं जो कह रहा हूं, यही धर्म है। ऋषि, संतों की परंपरा ने एक ही बात कही ‘महाजनो येन गतः स पन्थाः’ यानि महापुरुषों के द्वारा बताया गया मार्ग ही धर्म है। धर्म की इस विराट व्याख्या को भारत के अलावा कोई नहीं समझ सकता। भारतीय मनीषा कहती है ‘एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति’  यानी सत्य एक है। विद्वान उसकी अलग-अलग व्याख्या कर सकते हैं, मार्ग दिखा सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही होगी। यही मंजिल है, जिसे आज से एक हजार वर्ष पहले स्वामी रामानुजाचार्य ने आक्रांताओं से त्रस्त इस धरती को नया जीवन प्रदान करने के लिए दृष्टि दी थी, वह भारत की दर्शन की विशिष्टता द्वैत की परंपरा के साथ जुड़ता है। इसने भारत को नई राह दिखाई। इसके पहले शंकराचार्य ने अद्वैत मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा दी। कालांतर में अनेक दृष्टांत प्राप्त होते हैं। जब पूज्य संतों का मार्गदर्शन व सानिध्य हर कालखंड में प्राप्त हुआ। वही दर्शन विकास की प्रक्रिया का हिस्सा बना। वे एक दूसरे की बात को पुष्ट व परिपुष्ट करते हुए आगे बढ़ते हैं। भारत पूज्य संतों की परंपरा पर गौरव की अनुभूति कर रहा है।

यह है नया भारत, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परंपरा पर हो रही गौरव की अनुभूति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। अवंतिकापुरी उज्जैन में पीएम मोदी ने महाकाल लोक के भव्य स्वरूप के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। दिसंबर 2021 में काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण पीएम के करकमलों से संपन्न हुआ। उससे पहले केदारपुरी के पुनरुद्धार कार्य का लोकार्पण किया गया। उससे पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया। यह नया भारत है, जो आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परंपरा पर गौरव की अनुभूति करता है। हमें वेदों, उपनिषदों, ऋषियों व संतों के दिखाए मार्ग के जरिए भारत को बढ़ाने व लोक कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। मेरा सौभाग्य है कि एक हजार वर्ष पहले श्रीमदभगवद रामानुजाचार्य जी इस धराधाम पर अवतरित हुए थे। वे शेषावतार माने जाते हैं। भगवान राम मंदिर के पहले उनके अनुज का अवतरण अयोध्या धाम में हो रहा है, यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है।

यदुगिरि यतिराज मठ ने आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखा

सीएम ने कहा कि यदुगिरि यतिराज मठ ने न केवल आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखा, बल्कि यह परंपरा कर्नाटक के द्वारा अनेक लोककल्याणकारी कार्यक्रमों गरीबों में पेंशन वितरण,  छात्रों को छात्रवृत्ति, कन्याओं का विवाह, गोरक्षा, अन्न वितरण, मठों के पुनरुद्धार आदि इनके द्वारा हो रहे हैं, जो धर्म के भाग हैं। प्राचीन काल से मठ-मंदिर गरीब कल्याण का कार्य करते रहे हैं। संतों ने प्रेरणा दी कि ‘जाति पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई’ यह भारत की परंपरा है। जब हम इस मार्ग से हटे तो विदेशी आक्रांताओं की क्रूरता देखने को मजबूर होना पड़ा पर जब तक संतों के मार्गदर्शन में बढ़ते रहे, तब तक हमारा कोई बाल भी बांका नहीं कर सका। आह्वान करुंगा कि संतों का अनुसरण करें, उस मार्ग पर चलें तो जो नई दृष्टि दे सकती हो।

लोककल्याण के लिए न केवल सनातन हिंदू धर्म से जुड़े धर्मस्थल, बल्कि भक्तजन उस परंपरा से जुड़ते हुए लोककल्याण के कार्यक्रम को बढ़ाने का कार्य करेंगे। इससे न केवल अध्यात्म व सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण बनी रहेगी,  बल्कि सनातन हिंदू धर्म को मजबूत करके न केवल एक भारत व श्रेष्ठ भारत बनाने में सफल होंगे, बल्कि विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने में भी सफल होंगे। सीएम ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पावन धरा पर रामानुजाचार्य की पावन प्रतिमा अनावरण पर पूरे अयोध्यावासियों को बधाई दी और उन्हें यह अवसर देने के लिए धन्यवाद जताया।

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