हिंदू धर्म का भविष्य क्या है नास्त्रेदमस से जानें, अब भारत में आगे क्या होने वाला है

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों को सदियों से लोग सच्चा होते देखते आ रहे हैं. विद्वानों की मानें तो उन्होंने हिंदू धर्म के भविष्य को लेकर कई बड़ी भविष्यवाणियां भी की हैं.

नास्त्रेदमस एक फ्रांसीसी भविष्यवक्ता, चिकित्सक और ज्योतिषी थे. वे अपनी भविष्यवाणियों की पुस्तक Les Propheties के लिए प्रसिद्ध हैं, जो 1555 में प्रकाशित हुई थी. ये पुस्तक Les Prophéties (1555) में क्वाट्रेन (चार-पंक्ति वाले छंद) का एक संग्रह है, जिनमें भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी करने का दावा किया गया है. क्वाट्रेन 10:72 में “Indus” शब्द का उल्लेख है, जिसे कुछ लोग भारत का संदर्भ मानते हैं. क्वाट्रेन 1:97 में “गंगा” नदी का भी उल्लेख है. क्वाट्रेन 11:24 में बुद्ध का उल्लेख है, जो बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं. हिंदू धर्म के बारे में नास्त्रेदमस ने क्या कहा, यह विवादास्पद विषय है. नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां अत्यंत अस्पष्ट और व्याख्या के लिए खुली हैं.

हिंदू और इस्लाम धर्म का क्या होगा ? 

नास्त्रेदमस ने कहा था कि सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों की तुलना में तेजी से बढ़ेगा, अगर इसके बारे में विस्तार से बताया जाए तो हमें पता चलता है की सागरों के नाम पर आधारित एक ही धर्म है और वो है हिंद महासागर यानी हिंदू धर्म, वही चांद पर आधारित धर्म की बात की जाए तो वह भी हमें एक ही धर्म देखने को मिलता है जो कि इस्लाम है. तो इन बातों के जरिए से नास्त्रेदमस हमें ये बताना चाह रहे हैं कि भविष्य में इस्लाम की तुलना हिंदू धर्म बड़ी ही तेजी से बढ़ेगा. लोग हिंदू धर्म की तरफ ज्यादा से ज्यादा आकर्षित होंगे और वह सब सनातन संस्कृति को आत्मसात तथा उसके हिसाब से ही अपना विचार अपनाएंगे. 

पुस्तकालयों को जलाया जाएगा 

उन्होंने कहा था कि तबाह कर देंगे पुस्तकालयों को बर्बर लोग भविष्य में, एक ऐसा वक्त आएगा कि बिना पढ़े लिखे और बर्बर लोग पढ़े लिखे लोगों के द्वारा लिखी गई सारी किताबों को जला देंगे. वह उनके द्वारा बनाए गए पुस्तकालय को पूरी तरह से आग लगा डालेंगे. अधिक मेहनत और मशक्कत से पाया गया यह ज्ञान पूरी तरह बर्बाद व नष्ट कर दिया जाएगा. बर्बर लोग इसके आन को इतनी बुरी तरह खत्म कर देंगे ताकि इसे दोबारा कभी भी हासिल नहीं किया जा सकेगा. चौंकाने वाली बात ये है कि जब हम भारतीय इतिहास के पन्नों को पलटते हैं तो हम यह पाते हैं कि वर्षों की मेहनत और विकास के बाद हमने जो ज्ञान पाया था उसे नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय के पुस्तकालयों में सहेज कर रखा था. यह सब मध्यकाल में बर्बर मुस्लिम आक्रांताओं ने चलाकर राख कर दिया. उन्होंने भारतीय संस्कृति की धरोहर कई मंदिरों तथा महलों को तहस नहस कर दिया. उन्होंने हिंदू और बौद्ध धर्म से संबंधित लगभग सभी धरोहरें को नष्ट कर दिया. वर्तमान समय में भी हम इन बर्बर आक्रांताओं के द्वारा किए गए विध्वंस को देख सकते हैं. 

बृहस्पतिवार के दिन महान नेता का जन्म होगा

नास्त्रेदमस ने आगे भविष्यवाणी में बताया था कि लाल के खिलाफ़ लाल एकजुट होंगे लेकिन राजनीति और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा. पूरब का एक नेता अपने देश को छोड़कर आएगा. इटली के पहाड़ों को पार करता हुआ और फ्रांस को देखेगा. वह हवा, पानी और बर्फ़ से ऊपर जाकर पर अपने दंड का प्रहार करेगा. उन्होंने अपनी अगली भविष्यवाणी में यह भी बताया कि तीन तरफ से घरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस का ऐलान करेगा. उसकी प्रशंसा, प्रसिद्धि तथा सत्ता शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा बलशाली कोई नहीं होगा. इसके जरिए से वह हमें बता रहे हैं कि तीन तरफ से घिरा हुआ एक ही देश है और वह है भारत और भारत में बृहस्पतिवार ही एक ऐसा अद्भुत वार है जिसे सभी धर्मों के लोग एक तरह से पवित्र मानते हैं तथा उस दिन की पूजा करते हैं. हालांकि भारत में वैसे तो बहुत से अवतार हुए हैं, लेकिन ऐसा अवतार होना भी बाकी है जिसका दिन बृहस्पतिवार होगा.

मंदिर पर बलपूर्वक कब्जे होंगे

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में ये भी लिखा है की बंद आंखे एक पुरातत्विक उन्मात को देखेंगे, ईश्वरीय एकांत के वस्त्र उतारने की चेष्टा का एक शासक कठोरता के साथ दमन करेगा और लोगों की भीड़ के चुनून द्वारा मंदिर पर बलपूर्वक कब्जे की सजा देगी. इसकी व्याख्या करने वाले बताते है की ये भविष्यवाणी 1990 में बाबरी मस्जिद वाले मु्द्दे में हमें सच होती हुई दिखाई देती है. इस मु्द्दे में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह द्वारा किए गए कार सेवकों के दमन को इस भविष्यवाणी से जोड़कर देखा जाता है. आधिकारिक आंकड़ों की माने तो इस घटना में 15 लोगों की मौत हुई. लेकिन विश्व हिंदू परिषद इन आंकड़ों को झूठा बताती है और मारे जाने वालों की संख्या 50 है. 

अधिकांश राष्ट्रों में नरसंहार होगा

एक भविष्यवाणी में उन्होने ये भी कहा कि आगे चलकर एक ऐसा समय आएगा कि विश्व व्यापी से अधिकांश राष्ट्रों में नरसंहार होगा. पांच नदियों के सुप्रसिद्ध द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा. इस राजनेता का नाम वरण या शरण होगा. वह एक शत्रु के गलत व्यवहार को हवा के जरिए खत्म करेगा और इस कार्रवाई में छह लोग मारे जाएंगे. भौगोलिक आधार पर यदि भारत को देखा जाए तो यहाँ कई राज्य हैं और उनमें बहने वाली कई सारी नदियां हैं. लेकिन इन राज्यों में पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमें पांच नदियां है पांच नदियां झेलम चुनाव, रावी, सतलच और व्यास का संगम होने के चलते इस क्षेत्र का नाम पंजाब पड़ा. आपको बता दें कि पंजाब शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है. पहला शब्द है पंच जिसका अर्थ होता है पांच और दूसरा शब्द है आप जिसका अर्थ होता है नदी इसलिए पंच आपको मिलाकर इस जगह को पंजाब के नाम से जाना जाने लगा. नास्त्रेदमस अपनी भविष्यवाणी में इसी पंजाब प्रांत से एक महान राजनेता के उदय होने की बात कहते हैं, जिसका नाम शरण या वरण होगा. अपनी एक अन्य भविष्यवाणी में वह यह भी कह रहे थे कि एशिया में वह होगा जो यूरोप में नहीं हो सकता. एक विद्वान शांति दूत सभी देशों पर हावी होगा.

रूस हिंदू राष्ट्र बनेगा

इस भविष्यवाणी में नास्त्रेदमस कहते हैं कि दक्षिण भारत से एक नेता उभर कर आएगा जो पूरी दुनिया को एक करके रख देगा. उस नेता के आने के बाद रूस साम्यवाद छोड़कर हिन्दू धर्म का दामन थामेगा और इतना ही नहीं वह इसका प्रचार व बखान दूसरे देशों में भी करेगा. वैसे इस भविष्यवाणी की पुष्टि करना मुश्किल है, लेकिन वर्तमान समय में केवल रूस ही नहीं बल्कि यूरोप के कई देशों से विदेशी भारत भ्रमण के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं और यहां आकर वह हिंदू धर्म की महानता से प्रभावित होकर उससे संबंधित आचरण एवं कर्मकांडों को अपना रहे हैं. इतना ही नहीं बहुत से रूसी या विदेशी तो खुद को हिंदू भी कहते दिखाई देते हैं

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