बाढ़ में पशुपालकों व शिल्पकारों को भी संबल देगी योगी सरकार
- दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों की मददगार बनी सरकार
- आपदा में पशुपालकों को प्रति पशु 30 हजार रुपये तक आर्थिक सहायता
- शिल्पकारों को औजार की क्षतिपूर्ति के लिए 4100 रुपये देने का प्रावधान
लखनऊ/गोरखपुर। बाढ़ व अन्य दैवीय आपदा में हर प्रभावित की मदद को योगी सरकार ने व्यवस्था कर रखी है। राहत सामग्री वितरण, जन हानि व क्षतिग्रस्त मकानों के लिए भरपूर आर्थिक मदद के साथ ही पशु हानि पर प्रति पशु 30000 रुपये तक क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। यही नहीं आपदा में यदि किसी शिल्पकार-दस्तकार के औजार का नुकसान हुआ तो उसे भी मदद दी जाएगी।
मानसून के इस मौसम में कुछ गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इस दौरान यदि किसी पशुपालक के पशु की मृत्यु हो जाती है तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपदा में बड़े दुधारू पशु (भैंस, गाय आदि) की मृत्यु होने पर सरकार पशुपालक को 30000 रुपये प्रति पशु की दर से आर्थिक सहायता करेगी। छोटे दुधारू पशु (बकरी, भेड़, सुअर) की मृत्यु पर 3000 रुपये प्रति पशु, गैर दुधारू बड़े पशु (ऊंट, घोड़ा, बैल) के लिए 25000 प्रति पशु तथा दुधारू छोटे पशु (गाय-भैंस के बच्चे) के लिए 16000 रुपया प्रति पशु के हिसाब से मदद मिलेगी। इस प्रावधान में कुक्कुट को भी शामिल किया गया है। कुक्कुट पालन करने वालों को 50 रुपये प्रति कुक्कुट की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ये प्रावधान न सिर्फ बाढ़ बल्कि बादल फटने, आग, सूखा, चक्रवात, बेमौसम भारी बारिश, आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली गिरने जैसी आपदाओं के लिए भी हैं।
आपदा में यदि किसी शिल्पकार-दस्तकार का औजार क्षतिग्रस्त हुआ तो उसे भी सरकार पुनः औजार खरीदने के लिए आर्थिक सहायता देगी। औजार का नुकसान होने पर प्रति शिल्पकार 4100 रुपये की धनराशि मिलेगी। साथ ही यदि किसी दस्तकार का कच्चा माल या निर्मित/अर्धनिर्मित उत्पाद खराब हुआ तो इसके लिए भी 4100 रुपये प्रति दस्तकार की दर से धनराशि मुहैया कराई जाएगी।