शुभ विवाह में मंगल दोष बाधा है, तो भौम प्रदोष व्रत करें!

भौम प्रदोष व्रत – 11 मार्च 2025, मंगलवार प्रदोष व्रत पूजा – 18:40 से 21:05शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ – 08:13, 11 मार्च 2025शुक्ल त्रयोदशी समाप्त – 09:11, 12 मार्च 2025
मुंबई। तमाम योग्यताओं के बावजूद मंगल दोष के कारण विवाह में विलंब होता है, विवाह में बाधाएं आती हैं, कई बार अच्छी-खासी आय होने के बावजूद ऋण बढ़ता जाता है, तो खान-पान को लेकर सतर्क होने के बावजूद, व्यायाम करने के बावजूद, असाध्य रोग पीछा नहीं छोड़ते हैं, ऐसे में मंगल प्रदोष व्रत जादू का असर दिखाता है। जब भी समय मिले, इन मंत्रों का जाप करें….
ओम मंगलनाथ महादेवाय नमःओम ऋणमुक्तेश्वर महादेवाय नमःओम रोगमुक्तेश्वर महादेवाय नमः
शिवकृपा प्राप्त करने के लिए हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है। भोलेनाथ जब प्रसन्न होते हैं तो समस्त दोष समाप्त कर परम प्रसन्नता, परम सुख प्रदान करते हैं, प्रदोष व्रत-पूजा बहुत ही सरल है क्योंकि भोलेनाथ एकमात्र देव हैं जो पवित्र मन से की गई पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं।
शिवोपासना में दुर्लभ मंत्र और कीमती पूजा सामग्री की जरूरत नहीं है, सच्चे मन से… जाप करें और शिवलिंग पर सर्वसुलभ पवित्र जल चढ़ाएं। सुख का अहसास कराता है- शांत मन और दुख का कारण है- अशांत मन, शिवोपासना से तुरंत मानसिक शांति प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत में दिनभर निराहार रहकर सायंकाल पवित्र स्नान करने के बाद श्वेत वस्त्रों में शांत मन से भगवान शिव का पूजन किया जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार के दोष मिट जाते है।
इस व्रत के प्रमुख देवता शिव हैं इसलिए उनके साथ-साथ शिव परिवार की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। विभिन्न दिनों के प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और प्रभाव होता है….रविवार के दिन प्रदोष व्रत हमेशा स्वस्थ रखता है, सोमवार के दिन प्रदोष व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मंगलवार को प्रदोष व्रत रखने से ऋण-रोग से मुक्ति मिलती है, बुधवार के दिन यह व्रत करने सर्व कामना सिद्धि होती है, बृहस्पतिवार के प्रदोष व्रत से शत्रुओं का नाश होता है, शुक्रवार प्रदोष व्रत से सौभाग्य की वृद्धि होती है, शनिवार प्रदोष व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है, संपूर्ण वर्ष प्रदोष व्रत संपूर्ण सुख प्रदान करता है।