सहकारिता क्षेत्र में भारत में हुई अभूतपूर्व प्रगति : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नई दिल्ली में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम की 92वीं महापरिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद सहकारी क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है और एनसीडीसी इस परिवर्तन का प्रमुख आधार बनकर उभरा है। केंद्र सरकार सहकारिता आंदोलन के माध्यम से किसानों, ग्रामीण परिवारों, मत्स्यपालकों, छोटे उत्पादकों तथा उद्यमियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है और सहकारिता देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम सहकारी समितियों को सशक्त बनाने तथा उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का एक मजबूत माध्यम बन कर उभरी है। देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा को जमीन पर उतारने में NCDC की महत्त्वपूर्ण भूमिका; इससे ड्राइवरों को बड़ा फायदा होगा।एनसीडीसी सहकारिता आधारित “ भारत टैक्सी” राइड-हेलिंग सेवा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, नई बहु-राज्य सहकारी समिति का पंजीकरण हो चुका है और ड्राइवर सदस्यता तथा तकनीकी विकास जारी है। इस दिशा में प्रगति हो रही है। गृह मंत्री अमित शाह का कहना था कि चीनी मिलें व डेयरी क्षेत्र में सर्कुलर इकॉनमी को बढ़ावा देने पर केंद्र सरकार ने जोर दिया है जिसका सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के केंद्र सरकार के प्रयास :
सहकारी समितियों को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित एनसीडीसी का कुल संवितरण वित्त वर्ष 2020-21 के 24,700 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 95,200 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। पिछले चार वर्षों में एनसीडीसी ने सहकारिता क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और वित्तीय समावेशन, नवाचार तथा विस्तार के नए आयाम स्थापित किए हैं।
हरित क्रांति के बाद जैविक खेती, ऑर्गेनिक उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) जैसी बहु-राज्य सहकारी संस्थाएँ प्रतिबद्ध हैं। 31 जुलाई 2025 को स्वीकृत 2,000 करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान के आधार पर एनसीडीसी 20,000 करोड़ रुपये जुटाकर डेयरी, पशुधन, मत्स्य पालन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण, कोल्ड स्टोरेज, कृषि और महिला सहकारी समितियों को रियायती दरों पर दीर्घकालिक एवं कार्यशील पूंजी उपलब्ध करा रहा है। साथ ही NCDC ने शहरी सहकारी बैंकों के अंब्रेला संगठन और सहकार सारथी में भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया गया है, जिससे शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों को प्रोद्योगिकी सेवाएं प्रदान की जाएँगी।
गृह मंत्री अमित शाह का कहना था कि चीनी व डेयरी के क्षेत्र में अधिक लाभ के लिए सर्कुलर इकॉनमी को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। सहकारी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण हेतु सरकार द्वारा प्रदान किए गए 1,000 करोड़ रुपये के अनुदान के आधार पर एनसीडीसी ने 56 चीनी मिलों को इथेनॉल संयंत्र, को-जेन और कार्यशील पूंजी के लिए 10,005 करोड़ रुपये का संवितरण किया है, जिससे मिलों को वैकल्पिक आय स्रोत और कम दर पर ऋण प्राप्त हुआ है।
मत्स्य क्षेत्र में एनसीडीसी ने 1,070 एफएफपीओ के गठन और सुदृढ़ीकरण का लक्ष्य पूरा किया है तथा प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के अंतर्गत 2,348 एफएफपीओ को सुदृढ़ करने का कार्य प्रगति पर है। महाराष्ट्र और गुजरात में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने हेतु ट्रॉलर खरीदने के लिए प्रदान की गई वित्तीय सहायता से ब्लू इकोनॉमी और मत्स्य समुदाय, विशेषकर महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हुआ है।
भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सहकारिता एक श्रेष्ठ मॉडल है, क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी और आजीविका सुनिश्चित करता है। बीते चार वर्षों में एनसीडीसी ने 40 प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है, शुद्ध एनपीए शून्य रखा है और 807 करोड़ रुपये का सर्वोच्च शुद्ध लाभ अर्जित किया है, जिससे संस्था की विश्वसनीयता और साख मजबूत हुई है। एनसीडीसी ने डीसीसीबी, स्टेट कोआपरेटिव बैंकों और स्टेट मार्केटिंग फेडरेशन के माध्यम से डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा एवं विपणन के क्षेत्र में प्रभावी कार्य किया है।



