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पर्यटन की अपार संभावनाओं के बीच नए मानक स्थापित करता राजस्थान पर्यटन

राघवेन्द्र प्रताप सिंह : राजस्थान अपने समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थलों, प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन दुर्गों, महलों, स्वादिष्ट व्यंजन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश दुनिया में जाना जाता है। राजस्थान में श्री गोविंद देवजी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर (जयपुर) जैसे कई धार्मिक स्थलों के लाइव दर्शन लिंक के अलावा पुष्कर मेला (अजमेर), मेवाड़ उत्सव (उदयपुर), तीज उत्सव (जयपुर), कुंभलगढ़ उत्सव (राजसमंद), ब्रज होली महोत्सव (भरतपुर), गणगौर उत्सव (जयपुर), मरू महोत्सव (जैसलमेर) जैसे कई मेलों और उत्सवों को धूमधाम से मनाया जाता है।  इन्हें देखने के लिए देश और दुनिया के कई हिस्सों से पर्यटन आते हैं। इसके चलते पर्यटन राजस्थान के राजस्व प्राप्ति का एक ख़ास जरिया भी बना हुआ है। इन्हीं संभावनाओं के बीच भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग से जयपुर में 23 से 25 अप्रैल, 2023 तक जी20 पर्यटन एक्सपो का आयोजन किया। दरअसल भारत की पूरे देश में 50 नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना है और इसके साथ-साथ देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 59 नए हवाई मार्गों को परिचालित करने की भी परिकल्पना की गई है और इसके भाग के रूप में राजस्थान में भी पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय किए जा रहे हैं। 

राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए कदम :

राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य सरकार पूरे राजस्थान में 23 पुरानी हवाई पट्टियों को पुन: संचालित करने की योजना बना रही है, जिससे राज्य में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिले। जी20 पर्यटन एक्सपो जो राजस्थान में ही आयोजित हुआ , उसमें उन्होंने अपने उद्घाटन संबोधन  कहा था कि हमारी नई  ग्रामीण पर्यटन नीति में हम निजी क्षेत्र की मदद से 23 हवाई पट्टियों को फिर से विकसित करने जा रहे हैं। इससे राजस्थान में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और इससे रोजगार के व्‍यापक अवसरों का सृजन होगा।

राजस्थान ने अपने यहां पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए एक पथ-प्रदर्शक ग्रामीण पर्यटन नीति का गठन किया है, इसका अन्य राज्यों को अनुकरण करना चाहिए। इस नीति से पूरे राज्य में वन्यजीव पर्यटन, सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की आशा है । राजस्थान सरकार द्वारा उठाए कदमों की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव – पर्यटन, कला और संस्कृति श्रीमती गायत्री राठौर ने बताया है कि “राजस्थान भारत में लगभग 75 प्रतिशत विरासत संपत्तियों का घर है। इनमें से कई विरासितों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से पुनर्निर्मित और पुनर्स्थापित किया गया है और अब इन्‍हें शाही-विवाह समारोह और फिल्‍मों की शूटिंग के लिए इस्‍तेमाल  किया जाता है। राजस्थान के पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग ने हाल ही में राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ग्रामीण पर्यटन योजना बनाई है।

देश में आज प्रमुख पर्यटन स्थलों को हस्तशिल्प कलस्टर से जोड़ा जा रहा है और ‘वस्त्र को पर्यटन से जोड़ने’ के अंतर्गत तथा जागरूकता जैसे कार्यक्रमों के साथ अवसंरचना समर्थन का प्रस्ताव किया जा रहा है। इसमें राजस्थान का आमेर भी शामिल है। देश के 8 शिल्प गांवों के समग्र विकास की रणनीति में आमेर को रखा गया है। इसके अलावा रघुराजपुर (ओडिशा) तिरुपति (आंध्र प्रदेश), वदाज (गुजरात), नैनी (उत्तर प्रदेश), अनेगुंडी (कर्नाटक), महाबलीपुरम (तमिलनाडु), ताजगंज (उत्तर प्रदेश) को भी शिल्प गांवों के रूप में समग्र रूप से विकसित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शिल्प गांव दस्तकारी को सामूहिक रूप से कारीगरी के लिए स्थायी और लाभकारी आजीविका विकल्प के रूप में विकसित करेंगे और इस तरह देश की समृद्ध कारीगरी विरासत की रक्षा करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के 1,000 कारीगरों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। इस कार्यक्रम से इन शिल्प गांव में पर्यटकों के आगमन में भी वृद्धि हुई है।

राजस्थान के बजट 2023-24 में पर्यटन विकास का है ब्लू प्रिंट :

कुछ ही समय पूर्व राजस्थान के जयपुर में पर्यटन भवन स्थित कार्यालय में प्रदेश के बजट 2023-24 की घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया था कि प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं का निरंतर विस्तार करते हुए पर्यटकों को विशेष पर्यटन सेवाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ढोला मारू टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनाने की घोषणा की अनुपालना में भूमि के चिह्नीकरण और डीपीआर का कार्य पूर्ण हो चुका है। टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनने से जैसलमेर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हॉस्पिटैलिटी, डेजर्ट स्टे, होटल, कैम्पिंग साइट्स, नाइट पार्क, मनोरंजन पार्क आदि सुविधाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध हो सकेंगी।

प्रदेश में गोल्फ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु बजट वर्ष 2023-24 घोषणा में उदयपुर, जोधपुर, अजमेर-पुष्कर, माउंट आबू एवं अलवर में बनने वाले गोल्फ कोर्स के लिये आरटीडीसी द्वारा ईओआई जारी की गई। राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्ट बनने से राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय गोल्फ प्रतियोगिताओं के लिये डेस्टिनेशन के रूप में विकसित होने के साथ ही हाई स्पेंडिंग टूरिज्म के क्षेत्र में अग्रणी बन सकेगा।

बजट घोषणा की अनुपालना में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर एवं अजमेर में एमआईसीई (मीटिंग, इन्सेन्टिव, कान्फ्रेंस, एक्जीबिशन) सेंटर्स की स्थापना के लिये आरटीडीसी द्वारा ईओआई जारी की गई है। राजस्थान प्रदेश कांफ्रेंस एवं वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है एवं एमआईसीई सेंटर्स की स्थापना से प्रदेश को इस क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।

राज्य की पर्यटन सुविधाओं में वाटर बेस्ड पर्यटन गतिविधियों के रूप में नया अध्याय जोड़ने की मंशा से 6 स्थानों को ईको-एडवेंचर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें जयपुर का कानोता बांध, भरतपुर का बंध बारेठा बांध, जोधपुर का कायलाना व सुरपुरा बांध, पाली का हेमावास बांध, झुन्झुनु का कोट बांध शामिल हैं। इसके संबंध में भी ईओआई जारी की गई है तथा त्वरित रूप से कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देश दिये गए हैं।अजमेर की फॉयसागर झील पर वाटर टूरिज्म गतिविधियाँ एवं कोटा के चंबल फ्रंट पर क्रूज संचालित करने की योजना है।बैठक में बजट 2023-24 घोषणा में शामिल पुष्कर का अंतर्राष्ट्रीय कैंप सिटी के रूप में विकास एवं पुष्कर विकास प्राधिकरण के लिये कार्ययोजना की भी विस्तृत जानकारी दी गई थी। ‘

पूरे राजस्थान में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा: 

राजस्थान के जयपुर में एस्ट्रो पार्क विकसित किया जा रहा है। राजस्थान 2022 में ही भारत का पहला राज्य बना है जिसने अपने सभी 33 जिलों में नाईट स्काई एस्ट्रो टूरिज़्म लांच किया है। गुलाबी शहर जयपुर में ही अकेले 4 ऐसे क्षेत्र हैं जो चांद तारों की महिमा देखने समझने के लिए जाने जाते हैं : जंतर मंतर , आम्बेर किला , यूनिवर्सिटी ऑफ महाराजा और जवाहर कला केंद्र। राजस्थान का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग कह चुका है कि नई दिल्ली स्थित बीकानेर हाउस को एस्ट्रो टूरिज़्म के लिए चुना गया है और वहां स्काई वॉचिंग के लिए एक टेलिस्कोप लगाया जाएगा। गौरतलब है कि ऐसे भारतीय राज्य जहां नाईट स्काई की अपार सुंदरता है और जहां लाइट पॉल्यूशन न के बराबर है , ऐसे राज्य अपने क्षेत्रों में एस्ट्रो टूरिज़्म को विकसित करने का प्रयास करने लगे हैं। इस प्रकार के पर्यटन में पर्यटकों को लोकल कल्चरल हेरिटेज के बारे में भी जानने का अवसर मिला। इसमें पर्यटक ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में स्टे करते हैं और होम स्टे की तर्ज पर उनके लिए एस्ट्रो स्टे की व्यवस्था की जाती है।

पर्यटन मंत्रालय के उत्सव पोर्टल पर बाजी मार चुका है राजस्थान :

पर्यटन के लिहाज से राजस्थान के खूबसूरत शहर कई बार वैश्विक पटल पर अपनी छाप छोड़ते आए हैं, लेकिन 2022 में पूरे राजस्थान ने पर्यटन के क्षेत्र में देश में अपना नाम रोशन किया है। यहां के स्थल तो ऐतिहासिक है हीं लेकिन यहां के मेले और उत्सव भी अपनी अलग पहचान रखते हैं।  इसी को लेकर पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्सव पोर्टल पर जारी सूची में राजस्थान को 2022 में सर्वश्रेष्ठ राज्य चुना गया है। पर्यटन स्थलों को वैश्विक पटल पर लाने और पर्यटकों की मदद के लिए उत्सव पोर्टल की शुरुआत हुई थी जिसमें राजस्थान अव्वल आया। राजस्थान के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने इस पर अपनी पर्यटन नीति पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा था कि राजस्थान को आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस के आधार पर प्रथम स्थान मिला है। राजस्थान ने सर्वाधिक 22 मेलों और उत्सवों से संबंधित समस्त सूचनाओं को उत्सव पोर्टल वेबसाइट पर अपलोड किया था। देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसमें हिस्सा लिया था लेकिन बाजी राजस्थान पर्यटन ने ही मार कर  देश-दुनिया में मिसाल पेश किया। 

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