विधानसभा वित्तमंत्री सुरेश खन्ना जी के बजट भाषण के प्रमुख अंश

उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट अनुमान

● जनसामान्य को सुरक्षा प्रदान करने एवं कानून व्यवस्था के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करने हेतु पुलिस व्यवस्था को और अधिक सक्षम एवं सुदृढ़ करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

● महिलाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के विरूद्ध अपराधों को नियन्त्रित करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करके इनके लिए निरापद वातावरण उपलब्ध कराने के प्रति सरकार निरन्तर प्रयासरत है।

● सरकार की अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति के अनुरूप प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाये जाने एवं आपराधिक /असामाजिक तत्वों पर प्रभावी नियन्त्रण करने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाकर अपराधियों के विरूद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही की जा रही है जिसके फलस्वरूप अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है ।

● वर्ष 2022 में वर्ष 2016 के सापेक्ष आलोच्य अवधि में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, गृहभेदन में 5.59 प्रतिशत, चोरी में 17.22 प्रतिशत, रोड होल्डअप में 100 प्रतिशत व फिरौती हेतु अपहरण में 43.18 प्रतिशत की कमी आयी है। अपराधों पर अंकुश लगाये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं ।

● उक्त अवधि में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों में दहेज मृत्यु में 15.81 प्रतिशत, बलात्कार में 21.75 प्रतिशत व अपहरण में 9.17 प्रतिशत की कमी आयी है महिलाओं के विरूद्ध घटित होने वाले अपराधों पर पुलिस द्वारा नियंत्रण हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में एण्टी भू-माफिया पोर्टल पर अवैध कब्जे से सम्बन्धित 3,41,236 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें से 3,39,552 शिकायतें निस्तारित की गई।

● अभियान के अन्तर्गत 70 हज़ार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 23,920 राजस्व वाद, 923 सिविल वाद एवं 4504 एफआईआर दर्ज करायी गयी है।

● 847 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है, वर्तमान में 196 भू-माफिया जेल में निरूद्ध हैं।

● साइबर क्राइम की रोकथाम हेतु प्रदेश के प्रत्येक परिक्षेत्र में साइबर क्राइम पुलिस थाना की स्थापना की गयी है

● प्रदेश के समस्त थानों में (1531) साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर बेसिक साइबर फोरेसिक लैब एवं पुलिस मुख्यालय पर एडवांस्ड डिजिटल साइबर फारेंसिक लैब की स्थापना करायी जा रही है।

● कर्तव्य पालन के दौरान शहीद / मृत पुलिस कर्मियों एवं उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी केन्द्रीय अर्द्ध सैन्य बलों / अन्य प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों अथवा भारतीय सेना में कार्यरत रहते हुये 73 शहीद / मृत कर्मियों के आश्रितों को 17 करोड़ 96 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।

● पुलिस विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2023 2024 में 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है।

● नवसृजित पुलिस कमिश्नरेट के कार्यालय एवं अनावासीय भवनों आदि की व्यवस्था हेतु 850 करोड़ रूपये व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को आवासीय सुविधा (शहरी क्षेत्र) उपलब्ध कराये जाने हेतु 400 करोडरूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। एसडीआरएफ के सुदृढीकरण हेतु नये वाहनों के क्रय के लिए 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● कोविड- 19 वैश्विक महामारी के सामने विश्व के ताकतवर समझे जाने वाले देश असहाय हो गये थे उस विषम परिस्थिति में माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारे कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश की जनता के सहयोग से प्रदेश को उस कठिन कालखण्ड से बाहर निकाला।

● कोविड कालखण्ड में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्हें ध्यान में रखते हुये अत्यन्त त्वरित गति से प्रदेश में स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तार किया गया और प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास की अदभुत मिसाल प्रस्तुत की।

● मंजिलें लाख कठिन आयें, गुजर जाऊँगा।

हौसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊँगा

लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता

लेकिन मैं जिधर जाऊँगा रोशनी ले जाऊँगा ।।

● राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन हेतु 12,631 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना हेतु 1,655 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के अन्तर्गत प्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर क्रिटिकल केयर यूनिट जनपदों में इन्टीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल का सुदृढीकरण, हेल्थ इन्फारमेशन के विस्तार के लिये पोर्टल की स्थापना तथा इमर्जेन्सी आपरेशन सेन्टर एवं मोबाइल यूनिट हॉस्टिल की स्थापना आदि कार्यों हेतु 1,547 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन सम्पूर्ण प्रदेश में दिनांक 23 सितम्बर 2018 से किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत 2.34 करोड़ से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। योजना हेतु 400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हैल्थ एण्ड वैलनेंस सेण्टर्समें परिवर्तित किया जा रहा है। कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एण्ड पी०एच०सी० टू हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स” हेतु 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 407 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा।

● प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 320 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये उपकरणों के क्रय हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्राथमिक / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के सुदृढीकरण हेतु ₹15 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। “एक जनपद एक मेडिकल कालेज की योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किये जा चुके हैं, 14 जनपदों में मेडिकल कालेज निर्माणाधीन है। असेवित 16 जनपदों में मेडिकल कालेजों की स्थापना पी०पी०पी० मॉडल पर की जा रही है।

● 14 नये मेडिकल कालेजों की स्थापना एवं संचालन हेतु 2491 करोड़ 39 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● असाध्य रोगों की चिकित्सा हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश इन्स्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट की स्थापना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कालेजों की स्थापना हेतु 26 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है।

● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की कुल 8528 सीटें उपलब्ध हो गयी है।

● प्रदेश में स्थित सरकारी एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा विश्वविद्यालयों में वर्ष 2022- 2023 में पी. जी. की कुल 2,847 सीटें हो गयी हैं।

● वर्ष 2022 में लगभग 300 संस्थानों में नर्सिंग / पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुये हैं। प्रदेश में राजकीय पैरामेडिकल कालेजों की संख्या 17 से बढ़ाकर 19 की गयी जबकि निजी क्षेत्र के स्कूलों की संख्या 287 से बढ़ाकर 351 की गयी।

● टर्शियरी चिकित्सा सुविधा को सुदृढ़ किये जाने के क्रम में एस. जी. पी.जी.आई. लखनऊ के 558 बेड के इमरजेन्सी मेडिसिन एवं रीनल ट्रान्सप्लान्ट केन्द्र की स्थापना की गयी।

● एस.जी.पी.जी.आई. में लीवर ट्रान्सप्लान्ट सेन्टर व एडवांस डायबिटीक सेन्टर की स्थापना की गयी है।

● राजकीय मेडिकल कॉलेज, मेरठ, प्रयागराज एवं के०जी०एम०यू० लखनऊ में डायबटिक रेटिनोपैथी की स्थापना की गयी है। राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ में एडवान्स्ड न्यूरोसाइंस केन्द्र का कार्य प्रगति पर है।

● 14 मण्डलीय कार्यालयों तथा प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिये 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आईटी० आई०टी०ई०एस० डेटा सेन्टर, ई०एस०डी०एम० डिफेंस एवं एयरोस्पेस इलेक्ट्रिक वाहन वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम०एस०एम०ई० सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये लगभग 25 नीतिया प्रख्यापित की गयी हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में समेकित औद्योगिक विकास के लिये एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गये हैं।

● प्रदेश में त्वरित परिवहन के दृष्टिगत कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रदेश में द्रुत परिवहन के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ औद्योगिक / व्यावसायिक गतिविधियाँ तेज होगी जो प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी।

● पाँच लाख रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रदेश में बनाये जा रहे एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के सृजन का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा, जिससे भविष्य में और अधिक विकारा के रास्ते खुलेगें

● पूर्वाचल एक्सप्रेस वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 06 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से 04 संकुल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे तथा 02 संकुल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाने प्रस्तावित है।

● प्रदेश सरकार द्वारा पहला इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया जिसमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।

● भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है। सफलता के पश्चात राज्यों की अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित होना इसका स्पष्ट प्रमाण है।

● प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के त्वरित आर्थिक विकास व रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसरों के सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की महती भूमिका है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में अधिकाधिक एमएसएमई इकाईयों की स्थापना कराकर प्रदेश में पूँजी निवेश एवं रोजगार सृजन सुनिश्चित किया गया है।

● प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नवीन एम०एस०एम०ई०नीति – 2022 में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। इस नीति के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई०इकाईयों को प्रथम बार 4 करोड़ रूपये तक पूँजी उपादान उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।

● उक्त नीति के अन्तर्गत उद्यमियों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जायेगा जिससे प्रदेश में पूँजी निवेश के साथ ही अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सकेगा।

● प्रदेश में ओ०डी०ओ०पी० एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करकने हेतु यूनिटी मॉल की स्थापना के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्तमान सरकार के अब तक कार्यकाल में लगभग 21,696 किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण तथा अब तक लगभग 18,407 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया।  प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय / अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 कि०मी० लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।

● मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामो में सड़क निर्माण किया गया।

● सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 21159 करोड़ 62 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिये 3473 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यों हेतु 2538 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु 04 लेन मार्गो के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण / निर्माण कार्य हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों को चौडीकरण एवं सदृढ़ीकरण / नवनिर्माण / पुनर्निर्माण कार्यों हेतु 250 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 240.93 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से 165.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कृषि कार्य होता है।

● प्रदेश में 75,090 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणालियों, 34,316 राजकीय नलकूपों, 29 पम्प नहरों, 252 लघु डाल नहरों एवं 69 जलाशयों से लगभग 99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

● हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनायें पूर्ण की गयी। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 21.42 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई जिससे 44 लाख 72 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।

● मध्यगंगा (द्वितीय चरण) परियोजना, कचनौदा बांध के अवशेष कार्यों की परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना आदि परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी, जिससे प्रदेश में 4.26 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।

● विगत पांच वर्षों में लगभग 7426 किलोमीटर लम्बाई की नहर पटरियों को गढ्ढा मुक्त / नवीनीकरण किया गया।

● राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों से सम्बन्धित 08 परियोजनाओं को पूर्ण करते हुये लगभग 1,17,435 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना कर लगभग 83,055 कृषक परिवारों को लाभान्वित किया गया।

● प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 1.05 हेक्टेयर सिंचन क्षमता के सृजन का लक्ष्य है जिससे लगभग 01 लाख 03 हजार कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।

● प्रदेश के विभिन्न 30 जनपदों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण परियोजना आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 56. 90 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना का लक्ष्य है जिससे लगभग 39,800 कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।

●वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु रू० 2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332 करोड़ 50 लाख रूपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220 करोड़ 20 लाख रूपये तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुख्य पानी की सुविधा हेतु 900 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु 502 करोड़ रूपये एवं 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुर्ननिर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित है।

● एलटीआईएफ योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा परियोजना के लिए 375 करोड़ रूपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जल निकास (नाबार्ड पोषित) की परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष

2023- 2024 में 330 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं के लिए 1619 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्ष 2022-2023 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा 19,500 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया।

● वर्ष 2023 -2024 में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 25,350 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2023-2024 तक इन योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.26 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

● राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत 188 योजनाओं. जिनकी लागत 455.15 करोड़ रुपये है, को पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है।

● हमारी सरकार के कार्यकाल में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं तथा 80 गन्तव्य स्थानों के लिए एयर सर्विस उपलब्ध है।

● प्रदेश में 03 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर तथा अयोध्या में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माणाधीन हैं। शीघ्र ही प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

● जेवर एयरपोर्ट में रनवेज की संख्या 02 से बढ़ाकर 05 किये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 04 एयरपोर्ट्स के निर्माण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 06 एयरपोर्ट्स (अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, श्रावरती, चित्रकूट तथा सोनभद्र) का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो रहा है।

● आगे आने वाले वर्षों में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय तथा 16 घरेलू एयरपोर्ट, इस प्रकार कुल 21 एयरपोर्ट क्रियाशील हो जायेंगे।

● हमारा यह मानना है कि प्रदेश की जनता को हवाई यात्रा सुलभ हो। प्रदेश में जिस प्रकार हवाई यात्रा की सुविधा का विस्तार हो रहा है, वह कदाचित इन पंक्तियों में सांकेतिक रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

हमारे पंखों पे कौन विराम लगा सकता है।

जब हमें नियति से उड़ने का वरदान मिला।।

● वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिये जाने का रोस्टर निर्धारित है।

● 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14:38 घण्टे तहसील क्षेत्र में 16:58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21:08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17:26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20:52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23:26 घण्टे आपूर्ति की गई।

● वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।

● प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।

● कृषि कार्यों हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 के०वी० कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है।

● प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी’ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पी०पी०पी० पद्धति से कराया जा रहा है। इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है तथा शेष निर्माणाधीन हैं।

● वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही।

● 2×660 मेगावाट जवाहरपुर तापीय परियोजना 2×660 मेगावाट ओबरा सी तापीय विस्तार परियोजना एवं 1X660 मेगावाट पनकी तापीय परियोजना का आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूर्ण होना एवं उत्पादन कार्य प्रारम्भ होना लक्षित हैं।

● पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावॉट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावॉट तक किया जाना लक्षित है।

● वित्तीय वर्ष 2022 2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी, जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गयी घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। जिसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये केन्द्र सरकार तथा जर्मनी की संस्था KfW की सहायता से ग्रीन इनर्जी कॉरीडोर- ॥ परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । इस परियोजना को 03 वर्षो में पूर्ण किया जाना लक्षित है।

● विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● विद्युत प्रकाश और शक्ति का स्रोत है। यह वह शक्ति है जिसके अभाव में नगर अंधकारमय और समाज गतिशून्य हो सकता है। इसीलिये हमारी सरकार ने ऊर्जा और अतिरिक्त ऊर्जा पर विशेष ध्यान दिया है हम यह कहना चाहते हैं कि-

इस चमन को कभी सहरा नहीं होने दूँगा

मर मिदूँगा मगर ऐसा नहीं होने दूँगा

जब तलक भी मेरी पलकों पे दिये हैं रोशन

अपनी नगरी में अंधेरा नहीं होने दूँगा।

● उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 317 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नीति के अन्तर्गत 05 वर्षों में 22000 मेगावट विद्युत उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। नीति के अन्तर्गत सरकारी एवं निजी भवनों पर 6000 मेगावॉट क्षमता के सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना 14000 मेगावॉट क्षमता यूटिलिटी स्केल सौर पॉवर परियोजनाओं / सोलर पॉवर पार्क की स्थापना करायी जायेगी।

● 2000 मेगावॉट क्षमता पी०एम० कुसुम योजनान्तर्गत निजी ऑनग्रिड पम्प का सोलराइजेशन एवं पृथक कृषि विद्युत फीडरों को सोलराइजेशन कराया जायेगा जिनकी सम्मिलित क्षमता 2000 मेगावॉट होगी।

● उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 45 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । यह नीति आगामी 05 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।

● नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट, पशुधन अपशिष्ट, चीनी मिलों से प्रेसमड, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट इत्यादि जैसे विभिन्न जैव अपशिष्टों का उपयोग कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लाण्ट, बायो कोल (पैलेट्स और ब्रिकेट्स) बायो डीजल / बायो एथेनॉल की स्थापना के लिये निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा ।

● प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को सिंचाई हेतु अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर लाभान्वित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 29,652 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रदेश के विभिन्न ग्रामों के गरीब परिवारों के घरों पर प्रकाश, पखे एवं मोबाइल चार्जिंग की सुविधा हेतु 1.93 लाख सोलर पॉवर पैक संयंत्रों की स्थापना करायी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा हेतु सोलर स्ट्रीट लाईट संयंत्रों की स्थापना की योजना क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग 3.10 लाख सोलर स्ट्रीट लाइट सयंत्रों की स्थापना करायी जा चुकी है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के अन्तर्गत वर्तमान में 76 परियोजनाओं में लगभग 48,277 भवन निर्मित किये जा रहे हैं। इनमें से 22,718 भवन पूर्ण किये जा चुके हैं जबकि अवशेष भवन मार्च, 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना लक्षित है।

● लखनऊ विकास क्षेत्र तथा प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● कानपुर मेट्रो रेल परियोजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 585 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 465 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में 1306 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● वाराणसी, गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के कियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना हेतु 3,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● गोरखपुर नगर स्थित गोडधोड्या नाला एवं रामगढ़ ताल के जीर्णोद्धार तथा इण्टरसेप्शन, डाइवर्जन एवं ट्रीटमेंट सम्बन्धी परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण के लिए 650 करोड़ 10 लाख रूपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

● अमृत योजना के अन्तर्गत प्रदेश में जलापूर्ति एवं सीवरेज की कुल 282 परियोजनायें जिनकी कुल लागत 11.156 करोड़ रूपये है, में से पेयजल की 169 परियोजनाओं में 144 तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 77 पूर्ण परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

● स्वच्छ भारत मिशन नगरीय 10 के अन्तर्गत प्रदेश के 75 नगरीय निकायों में 89 लाख 21 हजार टन लिगेसी वेस्ट एकत्रित था, जिसमें से 51 लाख 21 हजार टन के लिगेसी बेस्ट का निस्तारण कर दिया गया है। शेष के निस्तारण हेतु कार्य प्रक्रियाधीन है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना (शहरी) के अन्तर्गत वर्ष 2017 से अद्यतन उत्तर प्रदेश में 17.62 लाख मकानों की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

● प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अन्तर्गत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण घटक के अन्तर्गत लगभग 12 लाख से अधिक लाभार्थियों को 27,748 करोड़ रूपये की धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से हस्तांतरित की गयी ।

● महाकुम्भ मेला 2025 का भव्य आयोजन विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ किया जाना है जिसकी तैयारी प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्ष 2022 2023 में प्रावधानित 621.55 करोड रूपये के सापेक्ष आगामी बजट में 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के अन्तर्गत कान्हा गौशाला के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 के बजट में 100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● अमृत 2.0 के अन्तर्गत पेयजल, सीवरेज तथा वॉटर बॉडीज हेतु वर्ष 2022- 2023 में 2,000 करोड़ रुपये के बजट के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023 2024 में लगभग 180 प्रतिशत की वृद्धि करते हुये 5.616 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अन्तर्गत शौचालय, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, यूज्ड वाटर मैनेजमेन्ट हेतु 1.356 करोड़ 36 लाख रूपये के सापेक्ष वर्ष 2023- 2024 में 2,707 करोड़ 86 लाख रूपये की व्यवस्था की गयी है जो लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

● नगर विकास विभाग की नगरीय सड़कों के समुचित विकास हेतु 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था है।

● प्रदेश के धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नगरीय निकायों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं हेतु अनुदान के रूप में 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के चिन्हित नगर निकायों को आकांक्षी नागर निकाय के रूप में विकसित करने हेतु आधारभूत संरचना के विकास हेतु अनुदान दिये जाने के लिये प्रारम्भ की जा रही आकांक्षी नागर योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● त्वरित आर्थिक विकास योजना के हेतु वित्तीय वर्ष 2023-2024 में नये कार्यों हेतु 1500 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● बुन्देलखण्ड की विशेष योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । पूर्वावल की विशेष योजनाओं हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के युवाओं को सरकार के साथ नीति प्रबन्धन, क्रियान्वयन अनुश्रवण के कार्यों में सहभागिता का विशिष्ट अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा

● मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम संचालित किया गया है। कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 100 आकाक्षात्मक विकास खड़ों में केन्द्र / राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का समवर्ती मूल्यांकन कार्य करने हेतु विधिक प्रक्रियान्तर्गत शोधार्थियों का चयन किया गया है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में 05 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2021-2022 में आवंटित 4,33,536 आवास निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 4,24,344 आवासों का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है तथा शेष आवास निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2022 2023 में 8,62,767 आवासों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष निर्माण कार्य प्रगति के विभिन्न चरणों पर है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 12,39,877 आवासों का लक्ष्य प्रस्तावित है। योजना हेतु 9000 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 5,966 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक 1,43,821 लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जा चुका है।

● वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में योजना हेतु 1203 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

● श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना का उद्देश्य गाँवों के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं को उपलब्ध कराकर ग्रामीण क्षेत्र से शहर की तरफ पलायन रोकना है। वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में योजना हेतु 87.49 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वित्तीय वर्ष 2022 2023 में प्रदेश के 5,89,189 ग्राम पंचायतों में विभिन्न बैंकों के माध्यम से बैकिंग बिजनेस करेस्पॉण्डेंट सखी की पद स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

● वर्तमान में 34,292 बी०सी० सखी द्वारा 7,846 करोड़ रूपये से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है।

● सुदूर ग्रामों को विकासखण्डों एवं कस्बों से जोड़ने हेतु आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के अन्तर्गत 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है।

● चीनी उद्योग, उत्तर प्रदेश का कृषि आधारित महत्वपूर्ण उद्योग है तथा प्रदेश के लगभग 46 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है।

● पेराई सत्र 2021-22 में प्रदेश में 27.60 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती की गई तथा 120 चीनी मिलों द्वारा 1016 लाख टन गन्ने की पेराई कर 101.98 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। वर्तमान पेराई सत्र 2022-23 में 117 चीनी मिलों का संचालन हुआ है एवं इस सत्र में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 28. 53 लाख हेक्टेयर है, जिससे चीनी का उत्पादन 105 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है।

● वर्तमान सरकार द्वारा कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एस्क्रो अकाउण्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिससे गन्ना मूल्य खाता केवल मिल प्रतिनिधि के स्थान पर अब मिल प्रतिनिधि एवं जिला गन्ना अधिकारी तथा ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित किया जा रहा हैं।

● चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा हैं। विगत पांच वर्षों में 27,531 हेक्टेयर गन्ना खेती में ड्रिप इरीगेशन संयंत्र की स्थापना हुई है। इससे 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होगी।

● सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से 50 प्रतिशत रासायनिक उतरकों की बचत होगी साथ ही ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से क्षारयुक्त और अल्प वर्षों वाले क्षेत्रों में भी गन्ने की खेती सम्भव हो सकेगी।

● कृषकों की आय में अभिवृद्धि हेतु कृषि शिक्षा शोध एवं अनुराधान के साथ-साथ प्रसार कार्यक्रमों की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

● प्रदेश के 04 कृषि विश्वविद्यालयों में एग्रीटेक स्टार्टअप योजना हेतु 20 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, चाँदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों हेतु लगभग 35 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस ) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है तथा जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

● भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है- जिसमें उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दुग्ध उत्पादनकर्ता राज्य है। दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या एवं घटती हुई कृषि योग्य भूमि के कारण दुग्ध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है, जो ग्रामीण क्षेत्र के अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्बल, भूमिहीन मजदूर, बेरोजगारों हेतु अतिरिक्त आय का लाभप्रद साघन है।

● वर्तमान दुग्ध संघों के सुदृढीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 86 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नन्द बाबा दुग्ध मिशन के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2023 -2024 में 61 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जनपद मेरठ व वाराणसी में डेयरी परियोजनाओं हेतु 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति, 2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधाएं प्रदान किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के निराश्रित / बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 187 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र का निर्माण कराया जाना लक्षित है जिसके सापेक्ष 171 केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण है।

● प्रदेश में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु बुन्देलखण्ड के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो- आश्रय केन्द्र स्थापित / क्रियाशील है।

● छुट्टा गोवंश के रख-रखाव हेतु 750 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वृहद गौ संरक्षण केन्द्रों की स्थापना हेतु 120 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● पशु रोग नियंत्रण हेतु 116 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश में भेड़ बाहुल्य जनपदों में भेड़ पालन योजना हेतु 3 करोड़ 44 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। मत्स्य

● प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत होल सेल फिश मार्केट के लिये 257 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● “मुख्य मंत्री मत्स्य संपदा योजनान्तर्गत 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● “निषादराज बोट सब्सिडी योजनान्तर्गत 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना हेतु 741 करोड़ 98 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन हेतु 206 करोड़ 27 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के कृषकों को गुणवत्तापूर्ण टिश्यू कल्चर केला पौध उपलब्ध कराने हेतु ऊतक सम्बर्धन प्रयोगशाला की स्थापना हेतु 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सहारनपुर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स फॉर हनी की स्थापना के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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