भारत में इस साल रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

मुंबई। भारत में मजबूत ग्रोथ और राजनीतिक स्थिरता के कारण रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 2024 में बढ़कर रिकॉर्ड हाई 8.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इस दौरान डील्स की संख्या 78 थी। यह 2007 के पिछले रिकॉर्ड निवेश 8.4 अरब डॉलर से 6 प्रतिशत ज्यादा है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

ग्लोबल कमर्शियल रियल एस्टेट और इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म जेएलएल ने कहा कि रियल एस्टेट संस्थागत निवेश में सालान आधार पर 51 प्रतिशत की बढ़त हुई है, 2023 में यह आंकड़ा 5.8 अरब डॉलर था। साथ ही डील की संख्या में 47 प्रतिशत की बढ़त हुई है।

रियल एस्टेट में कुल संस्थागत निवेश में 63 प्रतिशत हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों और 37 प्रतिशत हिस्सेदारी घरेलू निवेशकों की थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि इसके अतिरिक्त 2024 में प्लेटफॉर्म प्रतिबद्धताएं कुल 2.4 अरब डॉलर की रही है। इन फंड्स को आने वाले 3-5 वर्षों में निवेश किया जाएगा।

रियल एस्टेट में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के सरकारी प्रयासों ने पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।

क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) एक महत्वपूर्ण फंडिंग स्रोत के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने रियल एस्टेट सेक्टर में 2.7 अरब डॉलर का निवेश किया है।

भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) में हाल ही में गतिविधि में काफी उछाल देखा गया है। 2024 में आरईआईटी में निवेश 800 मिलियन डॉलर के आसपास पहुंच गया था, जो कि 2023 के आंकड़े से तीन गुणा है।

जेएलएल की भारत में वरिष्ठ प्रबंध निदेशक और पूंजी बाजार की प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, मजबूत विकास, राजनीतिक स्थिरता और विविध निवेश अवसरों ने भारत को वैश्विक आर्थिक संदर्भ में अनुकूल स्थिति में ला खड़ा किया है। रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश में उछाल देखा गया है। प्लेटफॉर्म प्रतिबद्धताओं के साथ, 2024 में निवेश का आंकड़ा 11 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष आवासीय क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश हुआ, जो कुल निवेश का 45 प्रतिशत था, उसके बाद कार्यालय क्षेत्र में 28 प्रतिशत निवेश हुआ है।

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