भगवान बदरीनाथ की गर्भगृह की फोटो वायरल होने जताया रोष

नई टिहरी। भगवान बदरी विशाल की गर्भगृह स्थित विग्रह मूर्ति की फोटो लिए जाने और उसे सोशल मीडिया पर वायरल किये जाने पर श्री बदरीश पंडा पंचायत और तीर्थ पुरोहित समाज ने रोष जताया है।

उन्होंने कहा कि इससे हिन्दुओं समाज की आस्था और विश्वास पर गहरी चोट पहुंची है। संगठनों ने इसके लिए बदरी केदार समिति की शिथिलता को जिम्मेदार ठहराया है, कहा कि इससे हिंदुओं के परम धाम बदरीनाथ की धार्मिक की परंपरा टूट रही हैं।

इन दिनों सोशल मीडिया पर बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह की फोटो वायरल हो रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पूजा करते दिखाई दे रहे हैं। उनके साथ मंदिर के धर्माधिकारीऔर वेदपाठी भी दिख रहे हैं। श्री बदरीश पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी और कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने कहा कि गर्भ गृह की फोटो वायरल होने से करोडों हिंदुओं की श्रद्धा आस्था आहत हुई हैं। उन्होंने कहा राजनैतिक लाभ लिए जाने के लिये गर्भ गृह की फोटो में तप और ध्यानस्थ भगवान बदरी विशाल की अवमानना हुई है।

श्री बदरीश युवा पुरोहित संगठन अध्यक्ष श्रीकांत बडोला और सचिव गौरव पंचभैया के मुताबिक 1929 में गठित बदरी केदार मंदिर समिति द्वारा भगवान बदरीनाथ की विग्रह मूर्ति की फोटो लेना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन इस बार स्वंय मंदिर समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस नियम को ताक पर रख दिया गया। प्रधानमंत्री की फोटो कवरेज कर रही टीम के सामने सभी लोग मूक दर्शक बने रहे।

चार धाम तीर्थपुरोहित हक-हकूकधारी परिषद अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल के अनुसार हिन्दुओं के आस्था केंद्रों के सरकारी नियंत्रण में होने का यह परिणाम है। जिसमें सत्ता शक्ति के बलबूते पर धार्मिक परंपराओं को तोड़ा जा रहा है। मामले में धर्माचार्यों, शंकराचार्यों की चुप्पी हैरान करने वाली है। श्री बदरीश पंडा पंचायत के अनुसार यह मामला अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित संगठन में ले जायेगा और पूरे भारत के तीर्थपुरोहितों से हिंदुओं के सर्वोच्च धाम बदरीनाथ की सनातन परम्पराओं को बचाने का आग्रह किया जायेगा।

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