केजरीवाल सरकार के दौरान नियुक्त गैर-सरकारी कर्मचारियों को लेकर मुख्य सचिव ने जारी किया ये आदेश

बीएस राय: दिल्ली के मुख्य सचिव ने दिल्ली सरकार के अधीन सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने यहां काम करने वाले गैर-सरकारी कर्मचारियों की सूची तैयार कर जल्द से जल्द सौंपें। दरअसल, केजरीवाल सरकार के दौरान विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में गैर सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी और अब नई सरकार इस सूची को लेकर गंभीर है।
सूत्रों के अनुसार नई सरकार के गठन के साथ ही इन गैर सरकारी कर्मचारियों पर शिकंजा कसा जा सकता है और उन्हें नौकरी से हटाया भी जा सकता है। हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी गौरव को 5 लाख रुपये नकद के साथ पकड़ा गया था। उन्हें गिरिखंड नगर में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया, जिससे सरकार में नियुक्त अनाधिकृत कर्मचारियों पर सवाल उठ रहे हैं।
केजरीवाल सरकार में कई विभागों में बड़े पैमाने पर गैर सरकारी कर्मचारियों की नियुक्तियां की गईं। लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार ने इस स्टाफ की सूची मांगी है। दिल्ली में हाल ही में हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद जबरदस्त जीत दर्ज की है। भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह केवल 22 सीटों पर सिमट गई।
अब चर्चा इस बात पर है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा। सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी से पहले होने की संभावना है।
दिल्ली सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले को सरकारी गेस्ट हाउस में बदलने का प्रस्ताव दिया है। यह बंगला 6, फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है, जहां केजरीवाल 9 साल तक रहे। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकारी गेस्ट हाउस बनाया जाएगा, जिसमें सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने और अधिकारियों के ठहरने की सुविधा होगी।
भाजपा ने केजरीवाल के बंगले के नवीनीकरण को लेकर विवाद उठाया था, जिसमें भारी मात्रा में धनराशि खर्च की गई थी। अब इसे सरकारी संपत्ति के रूप में उपयोग करने की योजना बनाई जा रही है।
दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भाजपा ने नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की है। दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता रखती है और घोटाले में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
नई सरकार की इस कार्रवाई से दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में केजरीवाल सरकार गैर-सरकारी कर्मचारियों और अन्य मामलों को लेकर क्या निर्णय लेती है।