रणजी ट्रॉफी : पहली पारी की बढ़त, विदर्भ तीसरी बार चैंपियन
रणजी ट्रॉफी का फाइनल ड्रॉ पर खत्म हो गया है। साथ ही विदर्भ टीम चैंपियन बन गई है। पहली पारी के आधार पर विदर्भ को बढ़त मिली थी। इसी कारण वह चैंपियन बनी। यह तीसरा मौका है जब विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी अपने नाम की है। केरल पहली बार फाइनल में पहुंची थी।

विदर्भ ने 2017-18 में पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी। फैज फजल की अगुआई वाली टीम ने फाइनल में दिल्ली टीम को हराया था। अगले सीजन में विदर्भ ने सौराष्ट्र टीम को फाइनल में हराया था।
साल 2001 के बाद से केवल मुंबई (2 बार), राजस्थान, कर्नाटक और विदर्भ ने लगातार वर्षों में खिताब जीता है। अब विदर्भ ने तीसरा खिताब जीता। केरल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी। विदर्भ ने दानिश मालेवार के शानदार शतक (153) और करुण नायर (86) की उम्दा पारी के दम पर 379 रन बनाए।
जवाब में केरल ने सचिन बेबी (98) और आदित्य सरवटे (79) की पारी के दम पर 342 रन बनाए। विदर्भ को यहीं 37 रन की बढ़त मिली। दूसरी पारी में करुण (135) और दानिश (73) की पारियों के दम पर विदर्भ ने 375 रन बनाए। करुण ने मुकाबले में अपने प्रथम श्रेणी करियर का 23वां शतक लगाया। इस रणजी सीजन उनके बल्ले से चौथा शतक निकला। घरेलू क्रिकेट के सभी प्रारूपों को मिलाकर इस सीजन इनका 9वां शतक रहा।
करुण ने पहली पारी में 86 रन बनाए थे। दूसरी पारी में उन्होंने 295 गेंदों का सामना किया और 135 रन बनाए। उनके बल्ले से 10 चौके और 2 छक्के निकले। इस रणजी सीजन करुण ने 9 मैच की 16 पारियों में 863 रन बनाए। सचिन ने फाइनल में केरल की पहली पारी के दौरान 235 गेंदों का सामना करते हुए 98 रन बनाए थे। उनके बल्ले से 10 चौके निकले थे।
अपना 100वां प्रथम श्रेणी मुकाबला खेल रहे बेबी का यह 29वां अर्धशतक था। उनके बल्ले से 14 शतक निकले हैं। उन्होंने लगभग 40 की औसत से अपने प्रथम श्रेणी करियर में 5,689 रन बनाए हैं। उन्होने गुजरात के खिलाफ सेमीफाइनल में 69 रन की पारी खेली थी।
विदर्भ के लिए मालेवार ने पहली पारी में शतक लगाया। उन्होंने प्रथम श्रेणी करियर का दूसरा शतक 167 गेंदों में पूरा किया था। वह 285 गेंदों का सामना करते हुए 153 रन बनाकर आउट हुए।
शतकीय पारी में उन्होंने 15 चौके और 3 छक्के लगाए। उन्होंने सेमीफाइनल में मुंबई के खिलाफ 79 और 29 रन के स्कोर किए और जीत में अहम भूमिका निभाई थी। दूसरी पारी में इस खिलाड़ी के बल्ले से 73 रन निकले। पहली पारी में 10वां रन बनाने के साथ ही करुण ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 8,000 रन भी पूरे कर लिए। 114 मैचों (183 पारियों) के बाद नायर ने 8,211 रन बना लिए हैं। उनके नाम 23 शतक और 36 अर्द्धशतक हैं।