लेबनान में वित्तीय पतन के बाद संसद चुनाव के लिए जनता ने किया मतदान

बेरूत। देश के आर्थिक रूप से दिवालिया होने के बाद लेबनान की जनता ने पहली बार संसद चुनाव के लिए रविवार को मतदान किया। इस चुनाव में लोग सत्तारूढ़ राजनेताओं को झटका लगने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि इसकी संभावना कम लग रही है।

देशभर में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हुआ। लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर वोट किया। जानकारी के अनुसार मुठभेड़ और अन्य विवादों ने कई जिलों में मतदान बाधित भी किया।

चुनाव को इस बात की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है कि क्या ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह और उसके सहयोगी गरीबी और गुस्से के बीच अपने विधानसभा बहुमत को बनाए रख सकते हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि जनता का गुस्सा सुधारवादी उम्मीदवारों को कुछ सीटें जीतने में मदद कर सकता है। सत्ता संतुलन में बड़े बदलाव की उम्मीदें कम है, क्योंकि सांप्रदायिक राजनीतिक व्यवस्था स्थापित पार्टियों के पक्ष में झुकी हुई है।

बेरूत में अपने पिता के साथ मतदान करते हुए 57 वर्षीय नबील छाया ने कहा कि लेबनान बेहतर का हकदार है। यह मेरा अधिकार नहीं है, यह मेरा कर्तव्य है और मुझे लगता है कि इससे फर्क पड़ता है। लोगों में जागृति आई है। इसमें थोड़ी देर हो चुकी है, लेकिन लोगों को लगता है कि बदलाव जरूरी है।

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