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वर्ष 2025 में शनि, राहु-केतु और गुरु 4 बड़े ग्रह बदलाव करेंगे

ज्योतिषाचार्य एस0एस0 नागपाल

वर्ष 2025 में 4 बड़े ग्रह बदलाव करेंगे. वर्ष 2025 की शुरुआत में शनि, राहु-केतु और गुरु चार ग्रहों का गोचर होगा.ऐसे में ये चारों ग्रह मिलकर सभी राशियों को प्रभावित करने वाले हैं.जिसका प्रभाव सभी राशियों, देश और दुनिया पर देखने को मिलेगा. साल 2025 में राहु, शनि, मंगल, गुरु और केतु सभी बड़े ग्रह का गोचर होगा. शनि 29 मार्च 2025 को शनि अपनी स्वराशि कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे. शनि किसी एक राशि में लगभग ढाई साल रहते हैं ।

शनि अभी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं शनि के कुंभ राशि में रहने के कारण मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है, वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वालो पर ढैय्या चल रही है जो 29 मार्च 2025 तक रहेगी। शनि 29 मार्च 2025 को कुंभ राशि से निकल कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब मकर राशि की साढ़ेसाती से और कर्क और वृश्चिक राशि वाले ढैय्या से मुक्त हो जायेंगे वहीं कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चलेगी और सिंह और धनु राशि वालो पर ढैय्या चलेगी, इसके बाद 18 मई 2025 को राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में पहुंचेंगे. और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे. राहु केतु एक राशि में डेढ़ वर्ष रहते है और वक्रीय (उल्टा) चलते है गुरु करीब 12-13 महीनों तक एक राशि में रहते हैं लेकिन साल 2025 में गुरु अतिचारी (तीव्र गति ) होकर तीन बार राशि परिवर्तन करने वाले हैं । साल 2025 में गुरु 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। मिथुन राशि में देवगुरु बृहस्पति 17 अक्टूबर तक रहेंगे 18 अक्टूबर को गुरु कर्क राशि में गोचर करेंगे फिर इसी वक्री अवस्था में रहते हुए 5 दिसंबर को मिथुन राशि में एक बार फिर से प्रवेश करेंगे

कुंभ राशि का राहु तकनीक पर जोर देगा.सिंह राशि का केतु अहंकार से अलग करके आध्यात्मिक दुनिया में लेकर के जाएगा और मिथुन राशि का बृहस्पति सीखने और सामाजिक विकास को बढ़ावा देगा. अंकशास्त्र के से देखें तो 2025 का जोड़ 9 बनता है जो की ग्रहों के सेनापति मंगल के द्वारा शासित है. मंगल क्रिया, साहस, पराक्रम और ऊर्जा का ग्रह है. दुनिया में सेना की कार्यवाही बढ़ जाएगी. राष्ट्र अध्यक्षों के पास साहस और पराक्रम पहले से कहीं अधिक होगा समस्याओं से निपटने और साहसिक कदम उठाने के लिए सरकार प्रेरित होंगी. ग्रहों के गोचर का प्रभाव व्यापार में तेजी आएगी.देश में कई जगह ज्यादा बारिश होगी.प्राकृतिक घटनाएं होगी सामुद्रिक तूफान, बाढ़, भूस्खलन की घटनाएं हो सकती हैं..बीमारियों का संक्रमण बढ़ सकता है. स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष लग्न और कर्क राशि की है भारत को आर्थिक क्षेत्र में बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है। सरकार के राजस्व में वृध्दि के संकेत हैं, तो वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर, विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में भी प्रगति होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं

वर्ष 2025 मे कुल 4 ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें 2 सूर्य ग्रहण और 2 चन्द्र ग्रहण हैं।

1 . चन्द्र ग्रहण- यह चन्द्र ग्रहण 14 मार्च दिन शुक्रवार को पड़ेगा। यह चन्द्र-ग्रहण भारत में अदृश्य होगा, अतः धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व नहीं है।

2 . सूर्य ग्रहण- यह सूर्य ग्रहण 29 मार्च दिन शनिवार को पड़ेगा। यह सूर्य-ग्रहण भारत में अदृश्य होगा, अतः धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व नहीं है।

3 . खग्रास चन्द्रग्रहण-यह ग्रहण रविवार, 07 सितम्बर को खग्रास चन्द्रग्रहण लग रहा है। यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दृश्य है

4 . सूर्य ग्रहण-यह सूर्य ग्रहण 21 सितम्बर को पड़ेगा। यह सूर्य-ग्रहण भारत में अदृश्य होगा, अतः धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व नहीं है।

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