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एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी : कोरिया के खिलाफ भारत प्रबल दावेदार

बेहतरीन फॉर्म में चल रही पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) हॉकी में पांचवें खिताब से बस दो कदम की दूरी पर है।

साभार : गूगल

वह सोमवार को होने वाले टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में कोरिया के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी। दिन के दूसरे सेमीफाइनल मुकाबले में पाकिस्तान का सामना मेजबान चीन से होगा। फाइनल मंगलवार को होना है।

भारत ने अभी तक टूर्नामेंट में कोई मैच नहीं गंवाया है, उसने पांचों लीग मैच जीते हैं। हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है। खिलाड़ियों ने हर विभाग में बेहतर खेल दिखाया है, चाहे अग्रिम पंक्ति हो या मिडफील्ड हो या फिर रक्षण। लीग चरण में भारत के लिए स्ट्राइकरों का प्रदर्शन अद्भुत रहा है।

पेरिस में मैदानी गोल करना भारत के लिए चिंता का विषय था, यहां सुखजीत सिंह, अभिषेक, उत्तम सिंह, गुरजोत सिंह, अरिजीत सिंह हुंडाल और अन्य की युवा स्ट्राइकरों ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया है।

टीम ने कुल 14 मैदानी गोल किए। युवा मिडफील्डर राज कुमार पाल ने कुछ अच्छे मैदानी गोल दागे। अनुभवी मनप्रीत सिंह, उप कप्तान विवेक सागर प्रसाद और नीलकांत शर्मा ने मिडफील्ड में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।

भारतीय डिफेंस भी दमदार रहा है जिसने केवल चार गोल गंवाए हैं। वहीं गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक और सूरज करकेरा ने टीम को करिश्माई पीआर श्रीजेश के संन्यास से पैदा हुए खालीपन को महसूस नहीं होने दिया।

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैगफ्लिकर में से एक हरमनप्रीत ने पेरिस की अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखते हुए पांच पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदला। हरमनप्रीत को युवा जुगराज सिंह से अच्छा सहयोग मिल रहा है जो इस समय दुनिया के सबसे तेज ड्रैगफ्लिकर हैं।

नॉकआउट मुकाबला किसी भी टीम के लिए नई शुरुआत होता है तो भारतीय टीम कोरिया को हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकी, प्रतिद्वंद्वी टीम का दिन अच्छा रहे तो वह हैरान कर सकती है। उसने मलेशिया से अंतिम समय में बराबरी हासिल कर 3-3 से ड्रॉ खेलकर अपनी सेमीफाइनल की उम्मीदों को जीवंत रखा।

भारतीय डिफेंस को बहुत अधिक पेनाल्टी कॉर्नर नहीं गंवाने के बारे में सतर्क रहना होगा क्योंकि सात गोल कर चुके टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर जिहुन यांग के रूप में कोरिया के पास एक मजबूत ड्रैगफ्लिकर है।

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