चिकित्सा सुविधाओं में नवाचार बढ़ाने पर विचार हो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारियों का अवलोकन किया। के0जी0एम0यू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डा0 विपिन पुरी ने राज्यपाल को अवगत कराया कि वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय ने अपने प्रथम नैक मूल्यांकन में ‘ए’ श्रेणी प्राप्त की थी, अब नियमानुसार पांच वर्ष के बाद दूसरी बार राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद के समक्ष मूल्यांकन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जायेगा, जो कि इस वर्ष दिसम्बर माह में किया जाना निर्धारित है।
राज्यपाल ने कहा नैक श्रेणी में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए व्यवस्थाओं की प्रगति का विश्लेषण कमेटियों के साथ करें। उन्होंने कहा कि उत्तरदायी कमेटियों में कार्यों को विभाजित करके कार्य प्रगति की समीक्षा की जाये, जिससे तीव्र गति से कार्य सम्पन्न हो सके।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण के दौरान न केवल नैक मानकों के अनुरूप विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के सुझाव दिए अपित,ु उन्हें जनहित में संचालित कराने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन के आवेदन में नवाचार बढ़ाने के बिन्दु पर विश्वविद्यालय द्वारा एम0बी0बी0एस0, पोस्ट ग्रेजुएट तथा शोध छात्रों को गांवों में शिविर लगाकर निःशुल्क स्वास्थ्य जांचों के लिए भेजे जाने की व्यवस्था भी बनाने पर विचार करें। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को रजोनिवृत्ति के समय और इसके उपरान्त होने वाली समस्याओं के निवारण के लिए मोबाइल वैन द्वारा उन्हें पूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था बनाने पर विशेष जोर दिया।
प्रस्तुतिकरण के दौरान विश्वविद्यालय में चिकित्सा संबंधी सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं को डिजिटल बनाने के बिन्दु पर चर्चा करते हुए कुलपति डा0 पुरी ने राज्यपाल महोदया को आवश्यक उपकरणों के अत्याधिक मंहगे होने के तथ्य से अवगत कराया। राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि यथासम्भव सभी व्यवस्थाओं को डिजिटलाइज्ड कर लिया जाये और इसके लिए ए0के0टी0यू0 से पूर्ण सहयोग प्राप्त किया जाये। राज्यपाल जी ने हिन्दी माध्यम से चिकित्सा शिक्षा में आने वाले विद्यार्थियों के लिए हिन्दी में शिक्षण की व्यवस्था विकसित करने को कहा। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रचलित मेंटोर-मेंटी व्यवस्था की खामियों को दूर करके उसे पुनः प्रचलित कराने को कहा।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों का विवरण और कार्यस्थल पता करके नवीन चिकित्सकों को कैरियर प्राप्त कराने की दिशा में उनसे सम्पर्क स्थापित करने को कहा, जिससे उनके अनुभवों का लाभ लिया जा सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के दूसरे नैक मूल्यांकन हेतु की गई तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि विश्वविद्यालय कुछ सुधारों को आत्मसात करके उच्चतम श्रेणी के लिए प्रयास कर सकता है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डा0 पंकज जॉनी, के0जी0एम0यू, लखनऊ के कुलपति ले0 ज0 डा0 विपिन पुरी, एकेडमिक डीन प्रो0 उमा सिंह, डीन क्वालिटी कन्ट्रोल एवं फ्यूचर प्लानिंग प्रो0 दिव्या मेहरोत्रा, वाइस डीन क्वालिटी कन्ट्रोल प्रो0 अमिता रानी उपस्थित रही। प्रस्तुतिकरण की समस्त व्याख्या प्रो0 उमा सिंह द्वारा प्रस्तुत की गई।