अध्ययन में दावा : बच्चों और युवाओं के फेफड़े नहीं होते कोरोना से प्रभावित

अध्ययन में दावा : बच्चों और युवाओं के फेफड़े नहीं होते कोरोना से प्रभावित

लंदन। कोरोना महामारी पूरी दुनिया के लिये चिंता का सबब बनी हुई है। ऐसे में एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि बच्चों और युवाओं के फेफड़े कोरोना से प्रभावित नहीं होते हैं। इस उम्र के अस्थमा के मरीजों को कोरोना वायरस से नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है। यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस ने अपने अध्ययन में यह जानकारी दी है। यह अध्ययन स्वीडन के स्टाकहोम स्थित कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने किया है।

अध्ययन करने वाली टीम की ईडा मोजेनसेन ने बताया कि कोरोना से पीड़ित इस आयु वर्ग (बच्चों से युवाओं तक) में फेफड़ों में सामान्य से थोड़ा कम सांस भरने की समस्या जरूर सामने आई है लेकिन फेफड़े सामान्य रूप से कार्य कर रहे थे। कोरोना से पीड़ित बच्चों और युवाओं में अस्थमा के 123 लोगों पर यह अध्ययन किया गया। सभी में किसी भी तरह की सांस संबंधी दिक्कत नहीं मिली, लेकिन फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी देखी गई। यह कमी इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी।

यह अध्ययन 22 साल की उम्र वाले 661 लोगों पर अक्टूबर 2020 से मई 2021 तक किया गया। सभी के फेफड़ों के कार्य करने का पूरा आंकड़ा इकट्ठा किया गया। उनका इम्यून सिस्टम भी निरंतर जांचा गया।

प्रारंभिक अध्ययन के बाद अब ज्यादातर लोगों को इसमें शामिल किया जा रहा है। यह देखा जाएगा कि सीमित लोगों पर किए गए अध्ययन के बाद वृहद अध्ययन से परिणामों में क्या अंतर आता है। विशेष तौर पर कोरोना पीड़ित अस्थमा के मरीजों पर और अध्ययन किया जाना आवश्यक है।

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