लखनऊ के विकास को 1,710 करोड़ रु0 लागत की 180 परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

लखनऊ के विकास को 1,710 करोड़ रु0 लागत की 180 परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं रक्षा मंत्री, भारत सरकार राजनाथ सिंह ने आज यहां जनपद लखनऊ के विकास से सम्बन्धित 1,710 करोड़ रुपये लागत की 180 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें शिलान्यास की गयी परियोजनाओं की संख्या 90 एवं लागत 396 करोड़ रुपये से अधिक तथा लोकार्पित परियोजनाओं की संख्या 90 तथा लागत 1,313 करोड़ रुपये से अधिक है। यह परियोजनाएं लोक निर्माण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सेतु निगम, सिंचाई एवं जल संसाधन, व्यावसायिक शिक्षा, नगर निगम, अमृत योजना, स्मार्ट सिटी योजना तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में लोकार्पित एवं शिलान्यास की गयी परियोजनाएं श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को मूर्तरूप देने के साथ ही, लखनऊ वासियों के जीवन को सरल बनाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम बदलते प्रदेश एवं बदलते लखनऊ का दृश्य प्रस्तुत कर रहा है। लोकार्पित एवं शिलान्यास की गयी परियोजनाओं में अवस्थापना विकास के साथ-साथ जनसुविधाओं के विकास से सम्बन्धित परियोजनाएं सम्मिलित हैं। इन विकास कार्याें से आमजन को सुगम आवागमन तथा बेहतर पार्किंग की सुविधा सुलभ होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास योजनाओं के माध्यम से आमजन के जीवन में परिवर्तन लाया जा सकता है। वर्ष 2003 से वर्ष 2017 के बीच में राज्य में व्याप्त अराजकता एवं अव्यवस्था से प्रदेश पिछड़ गया। वर्ष 2016 में देश के सबसे बड़े प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठे स्थान पर थी। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में प्रदेश तेजी से विकास की दिशा में अग्रसर है। वर्तमान राज्य सरकार इस दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील है। इसी क्रम में प्रदेश में एक्सप्रेस-वे का संजाल विकसित किया जा रहा है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था का बैकबोन बनेगा। इण्टर स्टेट कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत नेपाल राष्ट्र सहित बिहार, झारखण्ड, दिल्ली आदि पड़ोसी राज्य 4-लेन मार्गाें से जोड़े जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 12वें स्थान पर था। वर्तमान में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में दूसरे स्थान पर है। वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश निवेशकों के आकर्षक गंतव्य के रूप में उभरा है। राज्य में सैमसंग द्वारा 5,000 करोड़ रुपये का निवेश कर डिस्प्ले यूनिट स्थापित की गयी है। इस यूनिट द्वारा उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है। आधुनिक समय में डेटा की उपयोगिता सर्वविदित है। प्रदेश में कई डेटा सेण्टर स्थापित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में राजकीय एवं निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा निवेश किया जा रहा है। कोरोना काल में भी प्रदेश में 66,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 से 2017 के दौरान प्रदेश में व्याप्त अव्यवस्था एवं अराजकता के कारण पर्व एवं त्योहार शान्तिपूर्ण ढंग से नहीं मनाये जा सकते थे। वर्तमान राज्य सरकार के समय में यह स्थिति बदली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री के रूप में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न करायी, जिसे आज भी याद किया जाता है। वर्ष 2003 से 2017 की परीक्षाओं में व्यापक रूप से नकल एवं अनियमित शैक्षिक सत्रों के कारण प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट उपस्थित हो गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किया गया है। राज्य में 07 विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। सहारनपुर, आजमगढ़ व अलीगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। साथ ही, लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय, मेरठ में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय तथा प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय की स्थापना करायी जा रही है। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाये गये कदमों से राज्य का नौजवान सम्मानपूर्वक स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लखनऊ के विकास में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा योगदान है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में कराये जा रहे विकास कार्याें की सराहना पूरे देश में हो रही है। कोरोना महामारी के दौरान अपने पिता की मृत्यु पर और स्वयं के कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने पर, मुख्यमंत्री ने जिस समर्पण भाव से प्रदेश की जनता के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन किया, वह सराहनीय है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से माता, पिता अथवा अभिभावक को खो देने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है। उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के संचालन के लिए भी मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने प्रदेश में कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि विकास गतिविधियों के लिए आवश्यक सुशासन बेहतर कानून-व्यवस्था से ही लाया जा सकता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि लखनऊ के सांसद के रूप में उनकी भूमिका सेवक की है। वह लखनऊ के विकास तथा इसे देश का अग्रणी शहर बनाने के लिए प्रयासरत हैं। लखनऊ महानगर की आबादी एवं यहां पर वाहनों की संख्या बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है। प्रतिवर्ष आबादी में लगभग एक लाख तथा वाहनों में लगभग 80,000 की वृद्धि होती है। ऐसे में उनकी चाहत लखनऊ को यातायात के लिए सुगम शहर के रूप में विकसित करने की है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के चारों ओर 08-लेन की रिंग रोड बनायी जा रही है। इसके पूर्ण होने से लखनऊ वासियों को सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के विभाग डी0आर0डी0ओ0 द्वारा लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने का कारखाना लगाया जाएगा। इससे लगभग 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश का तेजी से समग्र विकास हो रहा है। उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ को अपनाकर श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के सपनों को साकार करने का कार्य कर रहे हैं। यहां तेजी से अवस्थापना सुविधाओं का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश का त्वरित विकास हो रहा है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश में 44 योजनाओं के क्रियान्वयन में अग्रणी है।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि आज यहां लोकार्पित एवं शिलान्यास की गयी परियोजनाएं लखनऊ के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।

इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, लोक निर्माण राज्य मंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रजा, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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