भगवान महाकाल को बंधी पहली राखी, लगाया सवा लाख लड्डुओं का महाभोग

भगवान महाकाल को बंधी पहली राखी, लगाया सवा लाख लड्डुओं का महाभोग

उज्जैन। उज्जैन में परम्परा के मुताबिक, रक्षाबंधन के पर्व पर सबसे पहली राखी विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल को बांधी गई। भस्मारती के बाद बाबा महाकाल को विशाल राखी अर्पित कर सवा लाख लड्डुओं का महाभोग भी लगाया गया। इसके बाद शहर में रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत हुई। रक्षाबंधन पर भगवान का आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया है। उनके इस स्वरूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं।

गौरतलब है कि उज्जैन में सभी पर्वों-त्यौहारों की शुरुआत बाबा महाकाल के आंगन से होती है। इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए रविवार को रक्षाबंधन के पर्व पर पहली राखी भगवान महाकाल को बांधी गई। अलसुबह 3.00 बजे बाबा की भस्मारती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद नए वस्त्र तथा सोने-चांदी के आभूषणों से उनका विशेष श्रृंगार कर विशाल राखी बांधी गई और सवा लाख लड्डुओं का भोग चढ़ाया गया। यह भोग दिनभर श्रद्धालुओं को प्रसादी के रूप में वितरित किया जाएगा।

महाकाल मंदिर के पास स्थित बड़े गणेश मंदिर में भी रक्षा बंधन का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां श्रद्धालु भगवान गणेश को राखियां बांधने पहुंच रहे हैं। यहां देश-विदेश से भी बहनों ने राखियां भेजी हैं। इनमें सिंगापुर, अमेरिका, लन्दन, मुम्बई, भोपाल, कोलकाता, जयपुर, लखनऊ शामिल हैं। गणेश मंदिर के पुजारी पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती को जगत माता-पिता माना जाता है। इस मान्यता से भगवान गणेश सभी के भाई हुए। इसीलिए श्रद्धालु रक्षा बंधन पर उन्हें राखियां भेजते हैं। इस बार भी देश-विदेश से भगवान गणेश के लिए राखियां आई हैं।

Related Articles

Back to top button