हिन्दी भाषा में प्राविधिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को शुरु करने की बड़ी तैयारी
- युवाओं के समावेशी विकास के लिए प्रदेश सरकार अगले 06 महीनों में तेजी से चलाएगी अभियान
- इस माह के अंत तक राज्य के समस्त पॉलीटेक्निकों, तकनीकी संस्थानों में छात्रों को मिलेगी वाई-फाई की सुविधा
- सभी राजकीय तकनीकी संस्थानों में होंगे प्लेसमेंट, छात्र-छात्राओं को मिलेंगे रोजगार के बड़े अवसर
लखनऊ। राज्य सरकार अगले 06 महीनों में यूपी की समस्त पॉलीटेक्निकों और तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के समावेशी विकास का अभियान चलाने जा रही है। इसके तहत हिन्दी भाषा में प्राविधिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को शुरू करने की बड़ी तैयारी की गई है। सरकार का प्रयास संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की शिक्षा, उनके स्वरोजगार, व्यक्तित्व विकास, संचार कौशल, सांस्कृतिक साक्षरता और रोजगारपरक व्यवसायिक स्किल्स का विकास करना है।
युवाओं के समावेशी विकास के लिये प्रदेश सरकार ने एक समयबद्ध और समन्वित अभियान चलाने की तैयारी कर ली है। इसके लिये प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा युवाओं की शिक्षा में गुणात्मक सुधार, रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की रणनीति बनाई है। सीएम योगी ने प्रदेश के सभी राजकीय तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट और छात्र-छात्राओं को रोजगार के अवसर देने के अभियान को तेज करने के निर्देश दिये हैं।
इतना ही नहीं राज्य सरकार अगस्त माह के अंत तक प्रदेश की समस्त पॉलीटेक्निकों और तकनीकी संस्थानों के परिसरों में पढ़ने वाले छात्रों को वाई-फाई की सुविधा भी उपलबध कराने जा रही है। इसके अलावा कानपुर के एचबीटीयू और गोरखपुर के एमएमएमयूटी तकनीकी विश्वविद्यालयों में दिसम्बर 2021 तक 02 से 05 स्टार्ट-अप रजिस्टर कराने के निर्देश भी दिये हैं। साथ में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिये उपद्यमिता विकास से संबंधित स्वरोजगारपरक पाठ्यक्रमों को प्राविधिक विश्वविद्यालयों में शुरू कराने की भी योजना बना रही है। सरकार का प्रयास हैकाथन और बूट कैम्पस के आयोजनों से उद्यम और व्यवसायपरक इनोवेटिव आइडियाज और तकनीकी के विकास के लिये युवाओं को मंच प्रदान करना भी है। इसके लिए भी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।