‘‘मन की बात‘‘ से प्रेरणा पाकर बड़ी संख्या में लोग जनहित कार्यों से जुडे़ : आनंदीबेन पटेल

लखनऊः आज 30 अप्रैल, 2023 के देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम के सौंवे एपीसोड का सजीव प्रसारण हुआ और उसके बाद कार्यक्रम की विशेष स्क्रीनिंग आज राजभवन के गांधी सभागार में प्रसारण राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में की गयी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ ‘‘मन की बात‘‘ की विभिन्न कड़ियों में जुड़ने वाले उत्तर प्रदेश के 57 लोगों ने प्रतिभाग किया। प्रसारण के उपरांत कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम देश में जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का प्लेटफार्म बन चुका है। यह लोगों के हृदय में स्थान बनाने के साथ-साथ जन चेतना को जाग्रत करने का सशक्त माध्यम बना है। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को इससे प्रेरणा मिली।


अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने ऐसे विविध कार्यक्रमों का उल्लेख भी किया, जिनमें ‘‘मन की बात‘‘ से प्रेरणा पाकर बड़ी संख्या में लोग जनहित कार्यों से जुड़े। इसी क्रम में उन्होंने स्वंय सहायता समूहों के गठन से महिलाओं में बढ़ी आत्मनिर्भरता, मुद्रा योजना से उन्हें सहज लोन की प्राप्ति, कोरोना काल में महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित मास्क का फ्री वितरण, बड़ी संख्या में समर्थ जनता द्वारा गैस सब्सिडी का पिछड़े क्षेत्र और ग्रामीण महिलाओं के हित में त्याग, बेटियों के जन्म और शिक्षा के प्रति समाज में बढ़ी संवेदनशीलता से लिंगानुपात में सुधार जैसे कई मुद्दों पर अभूतपूर्व बदलावों और प्रगति का उल्लेख किया।


राज्यपाल ने बताया कि यह कार्यक्रम एक पक्षीय कार्यक्रम नही है। आज जिस सौवीं कड़ी का प्रसारण हम सबने सुना उसके लिए प्रधानमंत्री के पास देश भर से लाखों पत्र पहुँचे हैं। लाखों लोग कार्यक्रम से जुड़ते हैं। उन्होंने कार्यक्रम को सुनने के लिए प्रयागराज से आयी नव्या वर्मा का जिक्र करते हुए बताया कि नव्या ने भी कार्यक्रम के संदर्भ में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और उन्होंने उसके पत्र को भी अपने कार्यक्रम में स्थान दिया। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम उनके चिन्तनशील विचारों का पुंज है जो आम नागरिकों के लिए मार्गदर्शी संवाद साबित हुआ। तमाम लोग बड़े जनहित कार्यों के लिए इस कार्यक्रम से प्रेरणा पाकर जुड़े।


इस अवसर पर कार्यक्रम में आये श्रोताओं ने ‘‘मन की बात‘‘ से जुड़े अपने अनुभव बताएं, जिसमें बरेली की अध्यापिका दीपमाला ने 800 दिव्यांग बच्चों का स्कूल में दाखिला कराने, प्रयागराज की नव्या वर्मा ने 2047 के भारत परिकल्पना पर प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखने, रायबरेली के कैलीफोर्निया निवासी प्रवासी रजनीश बाजपेई द्वारा उप्र के गाँवों को स्मार्ट गाँव बनाने और इस मुहिम में यहाँ के अन्य प्रवासियों को भी जोड़ने, ललितपुर जिले के ग्राम नेवारी की ग्राम प्रधान नेहा बाजपेयी द्वारा अमृत सरोवर बनाने के तहत बड़े क्षेत्र को सिंचित करने, सेवानिवृत्त कर्नल हरीशचंद्र प्रताप द्वारा चिया सीड का उत्पादन करके इसके आयात की निर्भरता कम करने, कोविड काल में हरदोई के जतिन ललित द्वारा गाँव में पुस्तकालय बनाने, जेल के अधिकारी भीमसेन द्वारा बंदियो द्वारा प्रयुक्त बेकार कम्बलों से गायों के लिए कोट बनाने जैसे विशेष कार्यों का उल्लेख किया। ये वो सराहनीय कार्य थे, जिनकी चर्चा प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम में भी की।


कार्यक्रम में राजभवन में कार्यरत रीता यादव ने कहा कि हम अपने प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण तब समझ पाए, जब राज्यपाल ने इस परिपे्रक्ष्य में राजभवन में विविध गतिविधियाँ संचालित करवायीं। उन्होंने राज्यपाल जी की प्रेरणा से राजभवन में आयोजित महिलाओं हेतु मशरूम की खेती का प्रशिक्षण, सिलाई प्रशिक्षण जूडो प्रशिक्षण, महिलाओं के स्वास्थय परिक्षण कार्यक्रम,सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु निःशुल्क वैक्सीनेशन, परम्परागत खेलों का अयोजन, जैविक खेती, वेस्ट मैटेरियल से उपयोगी सामग्री का निर्माण, मोटे अनाज से व्यंजन बनाना जैसी विविध गतिविधियों का उल्लेख किया। रीता ने कहा कि राजभवन में पहली बार टीबी ग्रस्त बच्चों को उपचार और पोषण सहायता हेतु गोद लेने की जो परम्परा राज्यपाल जी ने प्रारम्भ करवायी उससे एक मिसाल कायम हुई और इसे आज पूरे देश में योजनाबद्ध तरीके से अपना लिया गया है।

कार्यक्रम उपरांत राज्यपाल ने इस अवसर पर राजभवन के अन्नपूर्णा हाल में केंद्रीय संचार ब्यूरो, लखनऊ द्वारा आयोजित ‘‘मन की बात‘‘ और अमृत महोत्सव पर आधारित एक तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। प्रदर्शनी स्कूल बच्चों और राजभवन अधिकारियों/कर्मचारियों तथा अन्य ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। ये प्रदर्शनी दर्शनार्थियों के लिए तीन दिन तक खुली रहेगी। राजभवन में आयोजित आज के इस कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित अतिथियों के अतिरिक्त उनके परिजन, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष सविच राज्यपाल बीएन सिंह, दूरदर्शन लखनऊ, आकाशवाणी लखनऊ, पीआईबी के पदाधिकारी तथा राजभवन के समस्त अधिकारी/कर्मचारी एवं अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।

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