जनप्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की चित्रकूट धाम मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा
- चित्रकूट में पोटेंशियल है, लैंडबैंक है, संभावनाएं हैं, निवेशकों से मिलें जनप्रतिनिधि, बताएं अपनी खूबियां: मुख्यमंत्री
- जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में हो जनपदीय निवेशक सम्मेलन: मुख्यमंत्री
- हर तहसील मुख्यालय पर स्थापित होंगे अग्निशमन केंद्र: मुख्यमंत्री
- चित्रकूटधाम मंडल में बड़े बदलाव का साधन बनी है अर्जुन सहायक परियोजना
- सांसद-विधायकों से बोले मुख्यमंत्री, सरकार की औद्योगिक नीतियों से उद्यमियों को अवगत कराएं
- विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करें जनप्रतिनिधि, गुणवत्ता पर दें ध्यान
- विकास परियोजनाओं के बारे में जनप्रतिनिधियों से फीडबैक ले रहे मुख्यमंत्री योगी
● सांसद और विधायक गणों के साथ प्रदेशहित में संचालित विकास परियोजनाओं की पड़ताल की जारी शृंखला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को चित्रकूटधाम मंडल की समीक्षा की। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी ने एक-एक कर जनपद बांदा, महोबा, हमीरपुर और चित्रकूट जिलों आए सांसद व विधायक गण से उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं की जानकारी ली और आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देश भी दिए।
● बैठक में जनप्रतिनिधियों ने नवीन विकास कार्यों के बारे क्षेत्रीय जनाकांक्षाओं से भी अवगत कराया और इस संबंध में अपने प्रस्ताव भी दिए। मुख्यमंत्री जी सांसद और विधायक गणों के इन प्रस्तावों पर तत्काल कार्यवाही के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को निर्देशित भी किया। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश
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● चित्रकूट, जहां भगवान राम ने अपने वनवास काल का सर्वाधिक समय व्यतीत किया था, आज चहुँमुखी विकास की नई कहानी कह रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के माध्यम से आज यहां बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी है। एयरपोर्ट का विकास हो रहा है। डिफेंस कॉरीडोर का एक महत्वपूर्ण नोड चित्रकूट में ही है। यहां के हर घर में नल से शुद्ध पेयजल सुलभ हो रहा है। इन प्रयासों से आज पूरे चित्रकूट धाम मंडल में सकारात्मकता का संचार हुआ है। आम जन की सुविधा के दृष्टिगत ईज ऑफ लिविंग के सभी मानकों पर चित्रकूट में कार्य किया गया है।
● आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने स्वयं के लिए $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। इस संकल्प की पूर्ति के लिए पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट होकर प्रयास कर रहा है। आगामी 10-12 फरवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
● समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्ययोजना को आशातीत सफलता मिली है। 16 राष्ट्रों में हुए रोड शो से 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ है। विदेश में रोड शो की सफलता के बाद अब देश के प्रमुख महानगरों में उद्योग जगत को आमंत्रित करने रोड शो का आयोजन हो रहा है। जीआईएस-2023 ऐतिहासिक होने जा रहा है। व्यापक निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिसका सीधा लाभ हमारे युवाओं को मिलेगा।
● बांदा, महोबा, हमीरपुर और चित्रकूट जिलों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। हर जिला औद्योगिक विकास के अपार अवसरों से भरा है। पर्याप्त लैंडबैंक है। जनप्रतिनिधि गण को अपनी इन विशिष्टताओं से देश-दुनिया को परिचय कराना चाहिए।
● विदेशी और घरेलू निवेशक रोड शो से प्रेरणा लेते हुए अनेक जनपदों ने जिला स्तर पर निवेशक सम्मेलन आयोजित किए और हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। ऐसे ही प्रयास चित्रकूट मंडल में भी किये जाने चाहिए।
● जनपदीय निवेशक सम्मेलन के आयोजन के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार करें। सांसद के नेतृत्व में विधायक गण कमान संभालें। जिला प्रशासन, औद्योगिक अवस्थापना विभाग, इन्वेस्ट यूपी और मुख्यमंत्री कार्यालय से सहयोग लें। अपने क्षेत्र के उद्यमियों, व्यापारियों, प्रवासी जनों से संवाद-संपर्क बनाएं। उन्हें प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों, सेक्टोरल पॉलिसी की जानकारी दें। अपने क्षेत्र के पोटेंशयिल का परिचय दें और निवेश के लिए प्रोत्साहित करें।
● राज्य सरकार द्वारा सभी तहसील मुख्यालयों पर चरणबद्ध रूप से फायर स्टेशन स्थापित कराए जा रहे हैं। चित्रकूट के हर तहसील में अग्निशमन केंद्र होंगे। यहां प्रशिक्षित कर्मी तैनात होंगे।
● विगत साढ़े पांच-छह वर्षों में योजनाबद्ध प्रयासों से प्रदेश में खनन संबंधी कार्यों में पारदर्शिता आई है। आमजन हों या पट्टाधारक अथवा ट्रांसपोर्टर, सभी की सुविधा का ध्यान रखते हुए अनेक अभिनव प्रयास किए गए हैं। खनन कार्य से जुड़े सभी हितधारकों के लिए पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने में सांसद-विधायक गण भी सहयोग करें। कहीं भी अवैध खनन अथवा ओवरलोडिंग की गतिविधि न हो।
● वर्षों से लंबित अर्जुन सहायक परियोजना के पूरा होने से हमीरपुर, महोबा और बांदा के लाखों किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। शुद्ध पेयजल भी उपलब्ध हो रहा है। यह परियोजना बुंदेलखंड के लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली है।
● सांसद-विधायक गण प्रदेश सरकार की नई औद्योगिक नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। स्थानीय विश्वविद्यालय/ महाविद्यालयों/पॉलिटेक्निक/आईटीआई में युवाओं के बीच इन पर परिचर्चा कराई जाए। जनप्रतिनिधिगण इन कार्यक्रमों में प्रतिभाग करें।
● जनप्रतिनिधि गण क्षेत्र में संचालित विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करते रहें। यह योजनाएं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की छवि निर्माण में सहायक हैं। गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने में जनप्रतिनिधियों को योगदान करना होगा।
● तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें। आज सोशल मीडिया, संवाद का बेहतरीन माध्यम बन कर उभरा है। सभी सांसद/विधायकगणों को इस मंच का उपयोग करना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार की लोककल्याणकारी योजनाओं, औद्योगिक नीतियों, रोजगारपरक कार्यक्रमों के बारे में सकारात्मक भाव से सोशल मीडिया मंच पर अपनी राय रखनी चाहिए। जनता से संपर्क-संवाद बनाने में यह मंच अत्यंत उपयोगी है।
● बुंदेलखंड के सभी जनपदों में विषमुक्त गौ-आधारित प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सांसद/विधायक गण रुचि लेकर किसानों को इस बड़े कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास करें।
● निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार के स्तर पर निराश्रित गो-आश्रय स्थल निर्माण, सहभागिता योजना तथा कुपोषित परिवारों को गाय उपलब्ध कराने की तीन योजनाएं चल रही हैं। जनप्रतिनिधियों को रुचि लेकर इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। संभ्रांत परिवारों को भी गो-पालन के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए। निराश्रित गोवंश प्रबंधन में हर जनप्रतिनिधि का सहयोग आवश्यक है।