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पटाखों से बच्चों में आंखों की चोट में बढ़ोतरी, अखिल भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ संघ ने की कार्बाइड गन पर तत्काल प्रतिबंध की मांग

नई दिल्ली : अखिल भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ संघ (एआईओएस) ने केंद्र एवं राज्य सरकारों से कार्बाइड-आधारित और अस्थायी विस्फोटक पटाखों पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की अपील की है।एआईओएस ने चेतावनी दी है कि इस त्योहारी मौसम में ऐसे खतरनाक “कार्बाइड बम” या “कार्बाइड गन” के कारण बच्चों सहित अनेक लोगों में गंभीर नेत्र चोटें, स्थायी अंधापन और चेहरे की विकृति के मामले तेजी से बढ़े हैं।संघ ने शुक्रवार को सरकार से अपील करते हुए कार्बाइ़ड गन पर राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने एवं इन्हें बेचने वालों पर सख्त कार्रवाईकरने की मांग की। संघ ने मांग की कि केंद्र, राज्य और जिला प्रशासन प्रतिबंध को संख्ती से लागू करें। इसके साथ ही सरकार जनजागरूकता अभियानचला कर लोगों को इसके खतरों से अवगत कराएं।अखिल भारतीय नेत्र रोग विशेषज्ञ संघ के अध्यक्ष डॉ. पार्थ बिस्वास ने मडिया को जारी अपने बयान में कहा कि पटाखों से नेत्र चोटों में चिंताजनक वृद्धि चिंताजनक है। हम सरकार से तुरंत और निर्णायक कार्रवाई की अपील करते हैं ताकि दृष्टि और जीवन दोनों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार को अस्पतालों में भी इसके उपचार के लिए व्यापक व्यवस्था करनी चाहिए। नेत्र शल्य चिकित्सा उपकरण और ट्रॉमा प्रबंधन सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।एआईओएस के अध्यक्ष (निर्वाचित) डॉ. जीवन सिंह टिटियाल ने कहा कि कार्बाइड गन पारंपरिक पटाखे नहीं बल्कि रासायनिक विस्फोटक हैं, जो नेत्र जलन, कॉर्निया नष्ट होने, अंधत्व, और स्थायी विकृति का कारण बनते हैं।आने वाले छठ पूजा और अन्य त्योहारों में इन उपकरणों का उपयोग जारी रहा तो रोकथाम योग्य अंधत्व और चेहरे की गंभीर चोटों की एक नई लहर आ सकती है। इसलिए इसके बिक्री पर रोक लगाने की तुरंत जरुरत है।एआईओएस के मानद सचिव डॉ. संतोष जी. होनावर ने अपील की कि सभी प्रशासनिक निकायों, विद्यालयों और अभिभावकों कार्बाइड पटाखों पर रोक लगाएं और जनजागरूकता फैलाएं। मिलकर सुनिश्चित करें कि प्रकाश पर्व अंधकार का कारण न बने।

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