भारतीय कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में सुधरने का अनुमान

नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (ओपीएम) वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में सुधरने का अनुमान है। इसकी वजह ग्रामीण मांग एवं सरकारी खर्च में बढ़ना और फेस्टिव सीजन में अच्छी बिक्री होना है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों के क्रेडिट मेट्रिक्स में ब्याज कवरेज अनुपात बढ़कर 4.5-5.0 गुणा रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यह 4.1 गुणा था।

आईसीआरए में कॉरपोरेट रेटिंग्स की एसवीपी और को-ग्रुप हेड किंजल शाह ने कहा कि भारतीय कॉरपोरेट्स की आय वृद्धि दर वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में स्थिर रही थी। आने वाले तिमाही में इसमें वृद्धि की उम्मीद है।

रिपोर्ट में आगे कहा कि एफएमसीजी, खुदरा जैसे उपभोग से जुड़े क्षेत्रों में निरंतर वृद्धि के साथ-साथ लोहा और इस्पात और सीमेंट जैसे कमोडिटी से जुड़े क्षेत्रों की कंपनियों में राजस्व में सुधार होने की उम्मदी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 590 सूचीबद्ध कंपनियों (वित्तीय क्षेत्र की संस्थाओं को छोड़कर) के दूसरी तिमाही के प्रदर्शन के विश्लेषण से पता लगा है कि राजस्व वृद्धि दर (सालाना आधार पर) 6 प्रतिशत रही है और ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 102 आधार अंक कम होकर 16.9 प्रतिशत रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य, सरकारी खर्च में बढ़ोतरी और शहरी मांग में सुधार पर आने वाले समय में निगाहें रखनी होंगी।

शाह ने आगे कहा, आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अप्रैल 2023 की बैठक के बाद से दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है और ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में सुधार की उम्मीद के साथ भारतीय कंपनियों का ब्याज कवरेज निकट अवधि में बढ़ने की उम्मीद है।

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