Trending

योग_दिवस_पर_विशेष

जोड़ सको ग़र पेट को निवालों से
जोड़ सको ग़र खेत को अनाजों से
जोड़ सको ग़र रेत को मैदानों से
अपनें कर्म से या कोई संयोग से
तब समझना जोड़ लिया ख़ुद को तूने
इस जहां से उस जहां तक योग से ,

ग़र पाट दिया सबके दिल के नफरत को
और बाट दिया हर हृदय मुहब्बत को
साथ कर दिया जो गली, गाँव, कस्बे को
मिटा कर मन के भेवभाव हर क्षोभ से
तब समझना जोड़ लिया ख़ुद को तूने
इस जहां से उस जहां तक योग से ,

योग बस युग्म नहीं है तन और मन का
योग बस युग्म नहीं फन और जन का
योग कोई युग्म नहीं धन और रण का
दूर कर लिया जो इन संसारी वियोग से
तब समझना जोड़ लिया ख़ुद को तूने
इस जहां से उस जहां तक योग से ।।

Related Articles

Back to top button