सोल और वाशिंगटन के संयुक्त सैन्य अभ्यास से नाराज उत्तर कोरिया ने दागी बैलिस्टिक मिसाइलें

सोल। उत्तर कोरिया ने सोमवार को पीले सागर की ओर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। दक्षिण कोरियाई सेना ने यह दावा किया। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद प्योंगयांग का पहला ज्ञात बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट है।

संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि उन्होंने उत्तरी ह्वांगहे प्रांत के पश्चिमी काउंटी ह्वांगजू के निकट एक क्षेत्र से इस प्रक्षेपण का पता लगाया।

जेसीएस ने कहा कि इसमें निकट दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (सीआरबीएम) या 300 किलोमीटर से कम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हो सकती हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत, उत्तर कोरिया को बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक का उपयोग करने वाले किसी भी प्रक्षेपण से प्रतिबंधित किया गया है।

जेसीएस ने कहा कि उसने निगरानी को मजबूत किया है और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ घनिष्ठ सहयोग के तहत पूरी तरह से खतरे के लिए तैयार है।

दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सोमवार को 11 दिनों के लिए अपना वार्षिक फ्रीडम शील्ड अभ्यास शुरू किया।

उत्तर कोरिया लंबे समय से सहयोगियों के संयुक्त अभ्यास की निंदा करता रहा है और इसे अपने खिलाफ आक्रमण का पूर्वाभ्यास बताता रहा है। इसके जवाब में वह हथियारों का परीक्षण करता रहा है।

प्योंगयांग ने नवीनतम संयुक्त अभ्यास की निंदा करते हुए लगातार बयान जारी किए, जिसेमें धमकी दी गई कि सोल और वाशिंगटन को उनके खतरनाक उत्तेजक कृत्य के लिए भयानक कीमत चुकानी पड़ेगी।

इससे पहले सोमवार को, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस संयुक्त अभ्यास से सुरक्षा संकट और बढ़ जाएगा।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने आक्रमण अभ्यास को लेकर प्योंयांग के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने अपने संयुक्त अभ्यास को रक्षात्मक प्रकृति का बताया।

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