Budget Session 2025: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आज से होगा शुरू, जानिए किन मुद्दों पर रहेगी निगाहें

बीएस राय: संसद का बजट सत्र सोमवार से एक बार फिर शुरू हो रहा है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और घमासान होने की पूरी संभावना है। विपक्ष मणिपुर में हिंसा, ट्रंप प्रशासन के साथ भारत के संबंधों और मतदाता सूची में कथित हेराफेरी समेत कई अहम मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है।
इस सत्र में सरकार की मुख्य प्राथमिकता अनुदान मांगों को संसद की मंजूरी दिलाना और बजटीय प्रक्रिया पूरी करना है। साथ ही सरकार मणिपुर के लिए बजट मंजूर कराने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। इसके अलावा सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को भी पारित कराने की उम्मीद कर रही है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना सरकार की प्राथमिकता है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय से जुड़े कई मुद्दे सुलझेंगे।
मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा को देखते हुए केंद्र सरकार ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा की है। गृह मंत्री अमित शाह इस संबंध में संसद में वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट पेश कर सकती हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
विपक्ष की रणनीति और विरोध विपक्ष ने बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। तृणमूल कांग्रेस मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और ईपीआईसी (चुनावी फोटो पहचान पत्र) में धोखाधड़ी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने जा रही है। हाल ही में ममता बनर्जी ने चुनावी प्रक्रियाओं में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर एक जैसे हो सकते हैं, लेकिन अन्य विवरण अलग-अलग हैं। तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर जोर देने के लिए चुनाव आयोग से मिलने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही डीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे संसद में उठाने का फैसला किया है।
विपक्ष की अन्य चिंताएं इसके अलावा विपक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी, संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन और मणिपुर में ताजा हिंसा के मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के विपक्षी दल एकजुट होकर वक्फ बिल का विरोध करेंगे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मौजूदा चुनावी प्रक्रिया अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रही और इसे सुनियोजित तरीके से प्रभावित किया जा रहा है। संसद में संभावित हंगामा इन सभी मुद्दों के मद्देनजर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। सरकार जहां अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, वहीं विपक्ष चुनावी अनियमितताओं और मणिपुर हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दों को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ऐसे में बजट सत्र के दौरान संसद में राजनीतिक उथल-पुथल की पूरी संभावना है।