अबू आजमी के बयान से गरमायी महाराष्ट्र की राजनीति, जानिए शिवसेना ने क्यों बनाया मुद्दा

बीएस राय। शिवसेना की पुणे इकाई ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आज़मी के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि मुगल बादशाह औरंगज़ेब की प्रशंसा करने वाली उनकी टिप्पणी महाराष्ट्र के गौरव का अपमान है। शिवसेना के शहर अध्यक्ष प्रमोद नाना भांगीरे ने कहा कि औरंगज़ेब द्वारा हिंदुओं पर किए गए अत्याचारों और धर्म परिवर्तन के लिए उनके प्रयासों का महिमामंडन नहीं किया जा सकता और आज़मी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
औरंगज़ेब की प्रशंसा करने वाली उनकी टिप्पणियों के कारण आज़मी को बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा के चालू बजट सत्र के अंत तक निलंबित कर दिया गया। भांगीरे ने पुणे में सारसबाग के पास विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और आज़मी की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे “महाराष्ट्र के गौरव का अपमान” बताया।
उन्होंने कहा, “ऐसे तानाशाह की प्रशंसा करना महाराष्ट्र के स्वाभिमान का अपमान करने के बराबर है। राज्य में प्रतीकों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम औरंगज़ेब का महिमामंडन करने वालों को करारा सबक सिखाएंगे।” भंगीरे ने आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने और विधायक पद से इस्तीफा देने की भी मांग की।
दरअसल समाजवादी पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमार) तक पहुंचती थी। मुंबई के मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक ने दावा किया, “हमारा जीडीपी (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत था और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।”
औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर आजमी ने इसे राजनीतिक लड़ाई करार दिया था। मंगलवार को उनकी टिप्पणियों ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों को हिलाकर रख दिया था, जिसमें सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उन्हें निलंबित करने और उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की थी।