दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र आज से होगा शुरू, सीएम रेखा गुप्ता ने AAP पर लगाया ये बड़ा आरोप

बीएस राय: दिल्ली विधानसभा के आगामी सत्र से पहले रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की अहम बैठक हुई। इस बैठक में विधानसभा सत्र की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
विधानसभा सत्र की तैयारियां मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि तीन दिवसीय विधानसभा सत्र शुरू होगा, जिसमें नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इस दौरान दिल्ली की जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होगी और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट भी सदन में पेश की जाएगी।
वित्तीय पारदर्शिता पर जोर रेखा गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार जनता के एक-एक रुपये का हिसाब लेगी और दिल्ली के विकास में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण सरकारी खजाना खाली है, लेकिन इसके बावजूद उनकी सरकार सभी वादों को पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री ने ‘महिला सम्मान योजना’ को लेकर भी अहम घोषणा की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस योजना को 1000 फीसदी लागू किया जाएगा और सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की महिलाओं के लिए नई योजनाएं लाने के लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बैठक के दौरान कहा कि पार्टी का एकमात्र एजेंडा दिल्ली को विकसित राजधानी बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों की राय है कि दिल्ली के विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और अधूरे कामों को जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष आतिशी को बधाई दी गई, लेकिन साथ ही उनसे पंजाब में उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का हिसाब भी मांगा गया। भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर दिल्ली की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विधानसभा सत्र के दौरान सरकार द्वारा घोषित की जाने वाली नीतियां और विपक्ष के साथ होने वाली बहस दिल्ली के राजनीतिक भविष्य की दिशा तय कर सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्र के दौरान सरकार अपने वादों को पूरा करने की योजना किस तरह पेश करती है और इस पर विपक्ष का क्या रुख रहता है।