दिल्ली सीएम चेहरे को लेकर बीजेपी में चल रहा मंथन, क्या फिर चौकाएंगे पीएम मोदी

बीएस राय: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जबरदस्त जीत ने नई सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं तेज कर दी हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद दिल्ली में नई सरकार शपथ लेगी। लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर गहन मंथन चल रहा है।
मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे सूत्रों के मुताबिक भाजपा दिल्ली में सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रख रही है और मुख्यमंत्री पद के लिए अलग-अलग वर्गों से उम्मीदवारों पर विचार कर रही है। पार्टी ने दिल्ली में डिप्टी सीएम बनाने की संभावनाएं भी खुली रखी हैं ताकि संतुलन बनाए रखा जा सके। मंत्रिमंडल में महिलाओं और दलित समुदाय के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व देने की भी योजना है।
पीएम मोदी ने की थी उच्चस्तरीय बैठक 8 फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था और उसके तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अहम बैठक की थी।
इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों और मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा हुई थी। हालांकि, इस संबंध में पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। गृह मंत्री के आवास पर अहम बैठक इससे एक दिन पहले 7 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर भी अहम बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, चुनाव प्रभारी वैजयंत जयपंडा समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।
इस बैठक में दिल्ली की नई सरकार के ढांचे को लेकर चर्चा हुई थी। इन नेताओं के नाम चर्चा में भाजपा दिल्ली में जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें पांच नाम
प्रवेश वर्मा: नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा सबसे प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और लोकप्रियता उनके पक्ष में जा सकती है।
सतीश उपाध्याय: भाजपा का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले सतीश उपाध्याय भी इस रेस में हैं।
आशीष सूद: पंजाबी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष सूद भी मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं। वे पार्षद और दिल्ली भाजपा के महासचिव भी रह चुके हैं।
जितेंद्र महाजन: वैश्य समुदाय से आने वाले जितेंद्र महाजन को आरएसएस का करीबी माना जाता है, जो उनकी दावेदारी को मजबूत करता है।
विजेंद्र गुप्ता: दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के वैश्य चेहरे के तौर पर विजेंद्र गुप्ता का नाम भी चर्चा में है।
भाजपा पहले ही कई राज्यों में डिप्टी सीएम की रणनीति अपनाकर संतुलन साध चुकी है, ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या दिल्ली में भी यही फॉर्मूला अपनाया जाएगा? अगर ऐसा होता है तो किसी महिला विधायक को डिप्टी सीएम बनाने की संभावना भी प्रबल हो सकती है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के अंदर गहन विचार-विमर्श चल रहा है। भाजपा हाईकमान सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए एक सर्वसम्मत नेता का चयन करने की कोशिश में है। अब सबकी निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने पर टिकी हैं, जिसके बाद दिल्ली की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।