मोदी सरकार ने जूट किसानों को दी बड़ी राहत, MSP में 6% की बढ़ोतरी

बीएस राय: बजट से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कृषि और स्वास्थ्य से जुड़े दो बड़े फैसले लिए गए हैं। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इन फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है और अगले पांच साल तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को जारी रखने का फैसला किया गया है।
मोदी सरकार ने कच्चे जूट के MSP में 6% की बढ़ोतरी की है। अब 2025-26 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,650 रुपये प्रति क्विंटल होगा। इस फैसले से जूट किसानों को 315 रुपये प्रति क्विंटल का सीधा फायदा होगा।
जूट की खपत को बढ़ावा देने और किसानों की आय में सुधार के उद्देश्य से लिया गया यह फैसला खासकर बिहार, बंगाल और असम जैसे राज्यों के किसानों के लिए अहम है। इन राज्यों में जूट की खेती करने वाले करीब 40 लाख परिवारों को इस फैसले से सीधा फायदा होगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “इस फैसले से न सिर्फ जूट किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, बल्कि जूट उत्पादन और खपत को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार का यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती देगा।” स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा कदम: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का विस्तार कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अगले पांच साल तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को जारी रखने का फैसला लिया गया।
कोविड-19 महामारी के दौरान यह मिशन स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ साबित हुआ। कोरोना काल में 12 लाख स्वास्थ्य कर्मियों ने इस मिशन के तहत लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई थीं। एनएचएम का विस्तार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।
सरकार का यह कदम देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है। इसके तहत प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया जाएगा। मोदी कैबिनेट के हालिया फैसले इस महीने मोदी कैबिनेट की यह दूसरी बड़ी बैठक थी। इससे पहले कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी।
इस फैसले का सीधा फायदा केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा। इन फैसलों का क्या है महत्व? कृषि क्षेत्र: जूट के एमएसपी में वृद्धि से किसानों की आय में सुधार होगा और जूट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
एनएचएम के विस्तार से स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने और देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। कृषि और स्वास्थ्य पर केंद्रित ये फैसले सरकार के “समृद्ध किसान, स्वस्थ भारत” के विजन को दर्शाते हैं। आगामी बजट में इन क्षेत्रों में और भी महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की उम्मीद है।