‘गलवान में जो कुछ भी हुआ, वह फिर न हो… ’, जानिए ऐसा क्यों बोले आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी

थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, ‘उत्तरी सीमाएं सुरक्षित हैं, क्योंकि भारतीय सेना वहां तैनात है. भारतीय सेना उस संख्या में है, जो किले को संभालने के लिए जरूरी है.’
महाराष्ट्र के पुणे में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ये बयान भारत-चीन बॉर्डर को लेकर दिया है. थलसेना प्रमुख द्विवेदी ने कहा, ‘उत्तरी सीमाएं सुरक्षित हैं, क्योंकि भारतीय सेना वहां तैनात है. भारतीय सेना उस संख्या में है, जो किले को संभालने के लिए जरूरी है.’ हालांकि, उन्होंने LAC पर सुरक्षा को लेकर आगाह भी किया है. उन्होंने कहा कि ‘सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि हमें यह सुनिश्चित करना है कि गलवान में जो कुछ भी हुआ वह दोहराया न जाए.’
बता दें कि भारत की उत्तरी सीमा मुख्य रूप से हिमायल पर्वत श्रृंखला (Himalayan Mountain Range) से निर्धारित होगी. यह सीमा चीन, नेपाल और भूटान जैसे देशों से लगती है.
आर्मी चीफ ने किया आगाह
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा, ‘हमारी आंखें-कान और पूरे देश का दृष्टिकोण उस ओर केंद्रित होना चाहिए. हम सभी को इस मुद्दे पर एकमत होना चाहिए और हमें भविष्य में ऐसा कोई आश्यर्च नहीं मिले.’ साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक नए युग की शुरुआत कर रहा है. सेना ने देश को प्रगति के लिए स्थिर वातावरण की जरूरत बल दिया है. साथ ही 2025 में सशस्त्र बलों (Armed Forces) के मॉर्डेनाइजेशन, टेक्नोलॉजी इंटेग्रेशन और ऑपरेशनल इफिसिएंसी पर और अधिक जोर दिया जाएगा.
LAC पर हालात स्थिर, लेकिन संवेदनशील
गौरतलब है कि इससे पहले एनुअल आर्मी डे प्रेस कॉन्फेंस में थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि चीन के साथ सीमा पर स्थिति स्थिर लेकिन संवेदनशील है. उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कोई बफर जोन नहीं है, जबकि दोनों पक्ष अपने सीमा मुद्दों को हल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. जनरल द्विवेदी ने कहा ‘हम अब अगली विशेष प्रतिनिधि बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जो होनी चाहिए.’