Los Angeles Fire: लॉस एंजिल्स में भीषण आग से हजारों घर और कारोबार राख, जानिए आगे क्या है चुनौतियां

बीएस राय: कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में लगी भीषण जंगल की आग ने न केवल हजारों घरों और कारोबारों को राख में बदल दिया है, बल्कि इसने होम इंश्योरेंस सेक्टर को भी गंभीर संकट में डाल दिया है। जिन लोगों को लगता था कि उनका इंश्योरेंस उन्हें आगजनी से बचाएगा, वे अब खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। आग लगने का बढ़ता जोखिम और इंश्योरेंस कंपनियों की प्रतिक्रिया कैलिफोर्निया में जंगल की आग का जोखिम साल दर साल बढ़ता जा रहा है।
इस जोखिम को भांपते हुए कई होम इंश्योरेंस कंपनियों ने इस क्षेत्र में अपनी सेवाएं सीमित कर दी हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के इस कदम से लॉस एंजिल्स और आसपास के इलाकों में इंश्योरेंस संकट गहरा रहा है। हाल ही में जिन लोगों के घर और प्रॉपर्टी जलकर राख हो गई हैं, वे उम्मीद कर रहे थे कि इंश्योरेंस कंपनियां उनकी मदद करेंगी। लेकिन सच्चाई यह है कि इंश्योरेंस कंपनियों ने इस क्षेत्र से पॉलिसी जारी करना पहले ही बंद कर दिया था।
2023 में कैलिफोर्निया की टॉप 7 इंश्योरेंस कंपनियों में से 2 ने या तो नई होम इंश्योरेंस पॉलिसी जारी करना बंद कर दिया था या उन्हें बेहद सीमित कर दिया था। कैलिफोर्निया की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों में से एक स्टेट फार्म ने लॉस एंजिल्स में आग लगने से कुछ महीने पहले ही 72,000 घरों और अपार्टमेंट का कवरेज बंद कर दिया था। पिछले साल ही इस कवरेज को बंद कर दिया गया था।
कैलिफोर्निया के जंगल में लगी आग से हुए आर्थिक नुकसान का आंकड़ा चौंकाने वाला है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जंगल में लगी आग से अब तक करीब 52 से 57 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अगर भारतीय मुद्रा में देखें तो यह रकम करीब 5 लाख करोड़ रुपये के बराबर है।
स्टेट फार्म के प्रवक्ता ने बताया कि बीमा कंपनी ने पैसिफिक पैलिसेड्स जैसे इलाकों में सैकड़ों मकान मालिकों की पॉलिसी रद्द कर दी है। यह वही इलाका है जो अब भीषण जंगल की आग की चपेट में है। अनुमान के मुताबिक, इस इलाके में हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब 10 अरब डॉलर (करीब 86 हजार करोड़ रुपये) की जरूरत होगी।
सैन फ्रांसिस्को क्रॉनिकल के एक विश्लेषण के मुताबिक, 2019 से अब तक 1 लाख से ज्यादा कैलिफोर्नियाई लोगों को उनके घर के बीमा कवरेज से बाहर कर दिया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इस इलाके में लगातार जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीमा कंपनियां अब यह जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं।
जिन गृहस्वामियों को निजी बीमा कंपनियों से पॉलिसी नहीं मिल रही है, उन्हें सरकार के आपातकालीन राज्य बीमा कार्यक्रम का सहारा लेना पड़ रहा है। लेकिन यह कार्यक्रम न केवल महंगा है, बल्कि इसकी कवरेज सीमा भी सीमित है। सरकारी योजना के तहत अधिकतम 30 लाख डॉलर (करीब 25 करोड़ रुपये) का भुगतान किया जाता है। यह राशि हाल ही में आग में राख हुए घरों की वास्तविक कीमत से काफी कम है।
अगर बीमा कंपनियां आग प्रभावित इलाकों में पॉलिसी देना चाहती हैं, तो उनके पास प्रीमियम दरें बढ़ाने का विकल्प है। लेकिन लॉस एंजिल्स में जिस तरह से जंगल की आग ने कहर बरपाया है, उसे देखते हुए यह कदम भी काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बीमा कंपनियां इन इलाकों में पॉलिसी देने से पूरी तरह से परहेज कर सकती हैं। अगर कोई पॉलिसी जारी भी होती है, तो उसका प्रीमियम इतना महंगा होगा कि आम नागरिक के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो जाएगा।
जिन गृहस्वामियों के घर आग में जलकर राख हो गए हैं, उन्हें बीमा क्लेम के लिए महीनों तक कागजी कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा फाइनल सेटलमेंट की प्रक्रिया भी काफी जटिल हो सकती है। बीमा कंपनियों से मदद न मिलने की स्थिति में कई लोग कानूनी कदम उठाने को भी मजबूर हो सकते हैं। लेकिन यह रास्ता भी आसान नहीं है।
लॉस एंजिल्स और पूरे कैलिफोर्निया में गृह बीमा क्षेत्र एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। जंगल की आग का खतरा लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण बीमा कंपनियां जोखिम लेने से कतरा रही हैं। इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ रहा है, जिन्होंने घर बनाने में अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी थी।
कैलिफोर्निया के जंगल में लगी आग न केवल एक प्राकृतिक आपदा है, बल्कि यह आर्थिक संकट भी पैदा कर रही है। बीमा कंपनियों के बाजार से बाहर निकलने के कारण घर के मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ऐसे में सरकार को न केवल बीमा पॉलिसियों को बहाल करने के उपाय करने चाहिए, बल्कि आग के जोखिम को कम करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। लॉस एंजिल्स के निवासियों के लिए यह एक कठिन समय है, और उन्हें अपनी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए नए समाधान खोजने की जरूरत है।