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11 को 11 बजे रामलला का अभिषेक करेंगे मुख्यमंत्री

अयोध्या, 5 जनवरी। भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के एक वर्ष पूरे होने पर अयोध्या में 11 से 13 जनवरी तक प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन होगा। 11 जनवरी को पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 बजे गर्भगृह में श्रीरामलला का अभिषेक करेंगे। उसके बाद अंगद टीला पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन कर श्रद्धालुओं को संबोधित भी करेंगे। उसी दिन रामलला को एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सोनू निगम, शंकर महादेवन व मालिनी अवस्थी समेत कई मशहूर कलाकारों के द्वारा गाया गया भजन भी रिलीज किया जाएगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के अधिष्ठाता मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी के जन्मस्थान अयोध्या याम में नवनिर्मित मन्दिर की स्थापना के एक वर्ष पौष शुक्ल पक्ष, द्वादशी, विक्रम सम्वत, 2001 तद्‌नुसार 11 जनवरी को सम्पन्न हो रहा है। इस दौरान 13 जनवरी तक उत्सव मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जनवरी को रामलला का अभिषेक करेंगे। उन्होंने बताया कि महोत्सव के मद्देनजर नगर के प्रमुख चौराहों लता चौक, जन्मभूमि पथ, श्रृंगार हाट, राम की पैड़ी, सुग्रीव किला, छोटी देवकाली समेत अन्य स्थलों पर कीर्तन भी होगा। इसमें युवा कलाकार वाद्य यंत्रों से नगरी को मंत्रमुग्ध कर देंगे।

राग सेवा का कार्यक्रम गर्भगृह के निकट मंडप में होगा

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस अवसर पर तीन दिवसीय श्रीराम राग-सेवा का कार्यक्रम मन्दिर परिसर में गर्भगृह के निकट मण्डप में सम्पन्न होगा। इसमें प्रभु श्रीराम की भक्ति के प्रति विनीत भाव से संगीत, नृत्य और वादन के द्वारा उन्हें सेवा प्रदान करने का उपक्रम होगा। अनुष्ठान के परिकल्पनाकार और समन्वयक अयोध्या के कलाविद् यतीन्द्र मिश्र हैं। इस कार्य में उनका सहयोग संगीत नाटक अकादमी कर रहा है।

महाकुंभ में गए अयोध्यावासियों से किया आग्रहट्रस्ट

के महासचिव चंपत राय ने बताया कि सभी संतों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या से बड़ी संख्या में लोग महाकुंभ में गए हैं। उन्होंने आग्रह किया कि तीन दिन के कार्यक्रम में एक दिन लोग अयोध्या पहुंच कार्यक्रम में शामिल हों।

कार्यक्रम के तीन दिन

  • पहला दिन: 11 जनवरी को लता मंगेशकर की बहन व प्रख्यात गायिका ऊषा मंगेशकर और मयूरेश पई भगवान के सम्मुख भजन से राग-सेवा का आरम्भ करेंगी। इसके बाद साहित्य नाहर सितार व सन्तोष नाहर वॉयलिन की जुगलबन्दी से भक्ति का कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। पहले दिन का समापन डॉ. आनन्दा शंकर जयन्त द्वारा भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुति से होगा।
  • दूसरा दिन: 12 जनवरी को महोत्सव की शुरुआत राग सेवा प्रसिद्ध लोकगायिका शैलेश श्रीवास्तव के बधावा, सोहर गायन से होगी। इसके बाद प्रख्यात शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली श्रीराम भजन व निर्गुण गायन से राग-सेवा प्रस्तुत करेंगी। कार्यक्रम का समापन विश्वविख्यात बांसुरी वादक राकेश चौरसिया के बांसुरी वादन से होगी।
  • तीसरा दिन: तीसरे व अन्तिम दिन 13 जनवरी को राग-सेवा का आरम्भ आरती अंकलिकर के शास्त्रीय गायन से होगा, जिसके बाद प्रख्यात कथक नृत्यांगना शोभना नारायण की कथक प्रस्तुति होगी। अन्त में दक्षिण के गायक श्रीकृष्ण मोहन एवं श्रीराम मोहन त्रिचूर ब्रदर्स के शास्त्रीय गायन व श्रीराम भजन से कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

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