Delhi Politics: पीएम मोदी के बयान पर केजरीवाल ने कैसे किया पलटवार

बीएस राय: पीएम मोदी ने दिल्ली के झुग्गीवासियों को पक्के मकान की चाबी सौंपी और दिल्ली सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गरीबों को मकान देना उनकी प्राथमिकता है। केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि आपदा दिल्ली में नहीं बल्कि भाजपा में है, जो गरीबों के खिलाफ काम कर रही है।
भारत में राजनीतिक बयानबाजी का स्तर कभी-कभी इतना उग्र हो जाता है कि यह राष्ट्रीय राजनीति के आंतरिक संघर्षों को उजागर कर देता है। ऐसा ही एक हालिया विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच देखने को मिला, जब पीएम मोदी ने दिल्ली के झुग्गीवासियों को पक्के मकान की चाबी सौंपी और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर तीखा हमला बोला।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में एक अहम कदम उठाया जब उन्होंने झुग्गीवासियों को पक्के मकान की चाबी सौंपी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिक उद्देश्य गरीबों को आवास मुहैया कराना है, न कि अपने लिए महल बनाना। दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”मैंने आज तक अपने लिए कोई घर नहीं बनाया, मैं चाहता तो अपने लिए शीशमहल बना सकता था। लेकिन हमारे लिए गरीबों को घर देना प्राथमिकता है।” दिल्ली के खराब हालात का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”यहां आपदा है।”
पीएम मोदी के इस बयान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में नहीं, बल्कि बीजेपी में आपदा है। उन्होंने मोदी के 43 मिनट के भाषण की आलोचना की, जिसमें उन्होंने 39 मिनट तक दिल्ली के लोगों की आलोचना की।
केजरीवाल ने कहा, “2015 में दिल्ली के लोगों ने दो सरकारें चुनीं: एक केंद्र में भाजपा और दूसरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी। भाजपा ने दस साल में कोई काम नहीं किया, जबकि आप सरकार ने कई विकास कार्य किए।” केजरीवाल ने भाजपा पर केवल झुग्गियां तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अगर दिल्लीवासी फिर से भाजपा को वोट देते हैं, तो सभी झुग्गियां तोड़ दी जाएंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में कोई बड़ी योजना नहीं बनी, बल्कि केवल आलोचना और विवाद बढ़े हैं। झुग्गियों और गरीबों पर भाजपा के वादे केजरीवाल ने पीएम मोदी के 2020 के वादों का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने दिल्ली के लोगों को पक्के घर देने का वादा किया था।
लेकिन, इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 2020 से 2025 तक केवल 1700 चाबियां दी गईं, जो उनकी योजनाओं की विफलता को दर्शाता है। इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने 2 लाख से अधिक लोगों को बेघर कर दिया है और 2020 में किए गए वादों से पूरी तरह मुकर गई है।
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा में तीन तरह की आपदाएं हैं- सीएम चेहरे की कमी, नैरेटिव की कमी और एजेंडे की कमी। दिल्ली में बढ़ते अपराध और व्यापारियों की समस्याओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इन समस्याओं की आवाज गृह मंत्री के कानों तक नहीं पहुंच रही है।
यह विवाद न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करता है, बल्कि यह देश के अन्य हिस्सों में राजनीतिक समीकरणों और विकास योजनाओं पर भी सवाल उठाने का मौका देता है। दिल्ली में इस समय दो प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक खींचतान चल रही है, और इसका असर आने वाले चुनावों में साफ तौर पर दिखाई देगा।