ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार मिलने से पैरा एथलीट प्रवीण कुमार खुश
ऊंची कूद के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार पेरिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक से चार ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं में जगह मिलने से खुश हैं और उनका बोलना है कि और ज्यादा पैरा खिलाड़ियों का देश के इस सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए चयन होता तो उन्हें और अधिक खुशी होती।

प्रवीण के अलावा दो ओलंपिक पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर, शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश और पेरिस खेलों के कांस्य विजेता पुरुष हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह के साथ इस अवार्ड से सम्मानित होंगे। टोक्यो ओलंपिक के अपने कांस्य को पेरिस में स्वर्ण में बदलने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह जैसे कुछ पैरा खिलाड़ियों ने इस अवार्ड के लिए विचार नहीं किए जाने पर निराशा जाहिर की है।
उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि अगर पेरिस ओलंपिक के कुछ पदक विजेताओं को भी खेल रत्न मिलता तो उन्हें खुशी होती लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि हिम्मत नहीं हारें और अच्छा प्रदर्शन करते रहें। पैरा खेलों को सिर्फ एक खेल रत्न दिया गया है और यह संख्या और होनी चाहिए थी। मुझे अच्छा लगता अगर दो-तीन और पैरा खिलाड़ियों को खेल रत्न दिया जाता।’
प्रवीण के पैरों में जन्म से विकृति थी जिसके कारण उनके दोनों पैर कमजोर थे। उनका एक पैर छोटा है जिससे उन्हें नियमित फिजियोथेरेपी की जरूरत थी। उनके पिता उनका सबसे बड़े सहारा बने।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा सक्षम खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते थे जबकि उन्हें अच्छी तरह से पता था कि यह ‘बहुत कठिन काम’ होगा। उन्होंने पेरिस में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए टोक्यो ओलंपिक के रजत पदक को स्वर्ण पदक में बदला।
नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रवीण सात से आठ घंटे ट्रेनिंग करते हैं और अब उन्हें साल के अंत में राजधानी में होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद है।
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