Trending

मोदी 3.0 सरकार : पीएम फसल योजना का आवंटन बढ़ाने के पीछे क्या है मोदी सरकार का लक्ष्य

बीएस राय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए कई अहम फैसले लिए गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवंटन बढ़ाकर 69,515 करोड़ कर दिया गया। डीएपी पर 3,850 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी, जिससे इसकी कीमत 1,350 प्रति बैग रहेगी। तकनीक से क्लेम सेटलमेंट में तेजी आएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों को राहत पहुंचाने के मकसद से कई अहम फैसले लिए गए। इन फैसलों में फसल बीमा योजना का विस्तार, उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी और तकनीकी सुधार शामिल हैं। ये फैसले भारतीय कृषि को स्थिरता प्रदान करने और किसानों के लिए वित्तीय बोझ को कम करने के लिए लिए गए हैं।

कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दी। इसके लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसल सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही योजना में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीकी उपायों का विस्तार किया जाएगा।

824.77 करोड़ रुपये का इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फंड (FIAT) बनाया गया है, जो फसल नुकसान का त्वरित आकलन और दावा निपटान में मददगार होगा। इसके तहत यस-टेक और विंड्स जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

किसानों को राहत देने के लिए डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर विशेष सब्सिडी प्रदान की गई है। डीएपी का बाजार मूल्य करीब 3,000 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग है, लेकिन किसानों को यह 1,350 रुपये में ही उपलब्ध कराया जाएगा। अतिरिक्त लागत सरकार वहन करेगी। इसके लिए सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये के एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी है।

वैश्विक बाजार में उर्वरक की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद सरकार के इस कदम से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्य बिंदु डीएपी की कीमत अपरिवर्तित: किसानों को 1,350 रुपये में 50 किलोग्राम डीएपी बैग मिलता रहेगा।

2014-2023 के बीच उर्वरक सब्सिडी दोगुनी हो गई, जो अब 1.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों का कोई असर नहीं: वैश्विक बाजार की अस्थिरता और समुद्री मार्गों पर संकट के बावजूद किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध होगी। सरकार की प्रतिबद्धता: कोविड महामारी और वैश्विक युद्ध जैसे संकटों के बावजूद सरकार ने सुनिश्चित किया कि किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं का सामना न करना पड़े।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने में यह कैबिनेट बैठक मील का पत्थर साबित हुई है। फसल बीमा योजना और उर्वरक सब्सिडी में सुधार से न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि कृषि क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी। इन योजनाओं का असर आने वाले वर्षों में भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक रूप से देखने को मिलेगा।

Related Articles

Back to top button