नीतीश रेड्डी की कामयाबी के पीछे पिता का बड़ा योगदान
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथ टेस्ट मैच हो रहा है। दूसरे दिन तक लग रहा था कि भारत के हाथ से ये बॉक्सिंग-डे टेस्ट निकल गया है लेकिन मैच के तीसरे दिन एक खिलाड़ी ने भारत को हार से जरूर बचा लिया है।
दरअसल मेलबर्न के मैदान पर नीतीश रेड्डी के बल्ले से धमाकेदार रिकॉर्डतोड़ शतक जडक़र कंगारुओं को झटका दिया है। उनके शतक के बाद उनकी लोग तारीफ कर रहे हैं लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि नीतीश रेड्डी की इस कामयाबी के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान है।
एक पिता ने अपने बेटे के सपनों का उड़ान देने के लिए अपनी जिदंगी में बहुत कुछ उतार-चढ़ाव को देखा है। जब नीतीश ने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर 171 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा, तो स्टैंड में बैठे उनके पिता मुत्याला की आंखों में आंसू थे, आंसू का एक-एक कतरा नीतीश की कामयाबी की कहानी बयां कर रहा है।
उन्होंने अपने आस-पास के सभी लोगों से बधाई मिलने पर दिल से हाथ जोडक़र भगवान का शुक्रिया अदा किया। नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी स्टेडियम में मौजूद थे। ऑस्ट्रेलियाई पेस बैटरी विराट, रोहित और पंत को रोकने के प्लॉन में लगी रही है लेकिन इसी दौरान नीतीश रेड्डी एक सरप्राइज पैकेज साबित हुए।
टीम इंडिया तक पहुंचने के लिए नीतीश रेड्डी का सफर आसान नहीं रहा है। नीतीश को यहां तक पहुंचाने के लिए उनके पिता मुत्याला रेड्डी की ओर मेहनत और बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है। उनके पिता का एक बड़ा बलिदान है क्योंकि उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी ताकि उनके बेटे के सपनों को उड़ान दिया जा सके। जब नीतीश 12 साल के थे, तब उनके पिता हिंदुस्तान जिंक में कर्मचारी थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, उनका तबादला विशाखापट्टनम से राजस्थान के उदयपुर में हुआ तो उन्होंने अपने बेटे की खातिर नौकरी को छोड़ने का फैसला कर लिया और बेटे का साथ देने का फैसला किया वो उस वक्त जब उनकी नौकरी के 25 साल बाकी थे।
नौकरी छोड़ने के बाद जो उनको पैसा मिला उससे घर चलाते थे लेकिन तमाम परेशानियों के बावजूद अपने बेटे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। मुत्याला ने इंटरव्यू में कहा, ”हमारे परिवार के लिए, यह एक खास दिन है और हम अपने जीवन में इस दिन को नहीं भूल सकते।
वह 14-15 साल की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में, यह एक बहुत ही खास एहसास है. मैं बहुत तनाव में था (जब नीतीश 99 रन पर थे). केवल आखिरी विकेट बचा था. शुक्र है कि सिराज बच गया।” नीतीश कुमार रेड्डी आंध्र प्रदेश के लिए खेलते हैं और दाएं हाथ के बल्लेबाज एवं मध्यम गति के तेज गेंदबाज के तौर पर टीम इंडिया में शामिल है। उनका जन्म: 26 मई 2003 को हुआ है और पहली बार उनको टीम में जगह मिली है।
एक नजर नीतीश रेड्डी के करियर पर
प्रथम श्रेणी पदार्पण: 27 जनवरी 2020 को आंध्र प्रदेश के लिए 2019-20 रणजी ट्रॉफी में।
लिस्ट ए पदार्पण: 20 फरवरी 2021 को विजय हजारे ट्रॉफी में।
टी20 पदार्पण: 4 नवंबर 2021 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में।
2023 में, सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीदा।
अपने पदार्पण सत्र में, उन्होंने दो मैच खेले, जिसमें पांच ओवर गेंदबाजी की, लेकिन कोई विकेट नहीं लिया, और बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।
2017-18 विजय मर्चेंट ट्रॉफी में, उन्होंने आंध्र प्रदेश के लिए खेलते हुए एक तिहरा शतक और नागालैंड के खिलाफ 345 गेंदों में 441 रन बनाए।
उस सत्र में, उन्होंने 176.41 की औसत से 1,237 रन बनाए, जो टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे अधिक है, और इसके लिए उन्हें बीसीसीआई द्वारा सर्वश्रेष्ठ अंडर-16 क्रिकेटर का पुरस्कार मिला।