राज्यसभा में आज संविधान पर चर्चा जारी रहेगी

नई दिल्ली। संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा जारी रहेगी।

उच्च सदन की तय की गई कार्य सूची में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का भी जिक्र है, जिनमें 2023-2024 के लिए केंद्र सरकार के विनियोग खाते (सिविल) और वित्त खाते की रिपोर्ट में शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की विभिन्न रिपोर्ट भी पेश करेंगे। इनमें आयुध कारखानों, राजस्व विभाग – प्रत्यक्ष कर और भारतीय वायु सेना में पायलटों के प्रशिक्षण पर की गई लेखा परीक्षण रिपोर्ट शामिल हैं।

उच्च सदन भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवमयी यात्रा पर चर्चा जारी रखेगा, जिसे सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उठाया था।

वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उसने बार-बार संविधान में संशोधन करके उसे कमजोर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने के लिए संविधान में बड़े बदलाव किए।

जवाब में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा ने कभी भी संविधान का सम्मान नहीं किया और इस बात पर जोर दिया कि इस सरकार के तहत संविधान को खतरा है।

संसद में 13 और 14 दिसंबर को लोकसभा में संविधान पर दो दिन की बहस हुई, जिसमें देश के शासन और वैश्विक स्थिति में इसके ऐतिहासिक महत्व और भूमिका पर चर्चा की गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत संविधान की विरासत के राजनीतिकरण से की और कांग्रेस पार्टी के उस प्रयास की आलोचना की, जिसमें वह संविधान के निर्माण का श्रेय केवल एक विशेष राजनीतिक दल को देना चाहती है।

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने निचले सदन में अपने पहले भाषण में कहा था कि अगर 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं होते, तो भाजपा ने संविधान में बदलाव कर दिया होता।

निचले सदन में दो दिन की चर्चा का मुख्य आकर्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार द्वारा किए गए संवैधानिक संशोधन, कांग्रेस के विपरीत, सत्ता पर पकड़ मजबूत करने के लिए नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा था कि नेहरू-गांधी परिवार ने संविधान में बदलाव करने की आदत बना ली थी, क्योंकि यह उनके हितों के अनुरूप था, जिसकी शुरुआत देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से हुई थी।

पीएम मोदी ने देश के भविष्य के लिए 11 संकल्प बताए थे।

उन्होंने कहा था, संविधान की मूल भावना से प्रेरित होकर, मैं देश के भविष्य के लिए 11 संकल्प संसद के सामने रखना चाहता हूं।

Related Articles

Back to top button