Parliament Winter Session: लोकसभा में आज से होगी संविधान पर चर्चा, जानिए क्या हैं इसके राजनीतिक मायने
बीएस राय: संसद में विपक्ष के हंगामे के बीच आज से संविधान के 75 साल पर चर्चा शुरू होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में इसकी शुरुआत करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को जवाब देंगे। राहुल और प्रियंका गांधी भी बोलेंगे। चर्चा से पहले प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ नेताओं के साथ रणनीति बनाई।
भारत की संसद में आज से संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर दो दिवसीय चर्चा शुरू होगी। इस ऐतिहासिक बहस की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को समापन सत्र में अपना जवाब देंगे। राज्यसभा में चर्चा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में शुरू होने की संभावना है।
लोकसभा में दोपहर 12 बजे से शुरू होगी चर्चा लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होगी। प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे संविधान पर विशेष चर्चा शुरू होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस ऐतिहासिक विषय पर अपने विचार रखेंगे। जानकारी के मुताबिक इस चर्चा में भाजपा के 12 से 15 प्रमुख नेता हिस्सा लेंगे। पार्टी ने इस विषय पर व्यापक तैयारी की है।
राहुल और प्रियंका गांधी का अहम योगदान कांग्रेस पार्टी को इस चर्चा के लिए 2 घंटे 20 मिनट का समय मिला है। पार्टी ने अपनी रणनीति तय करने के लिए संसदीय समूह की बैठक की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में बहस की शुरुआत करेंगे। वहीं, राहुल गांधी आज लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेंगे और प्रियंका गांधी वाड्रा कल अपना पहला भाषण देंगी।
कांग्रेस ने सदन के सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर उनकी मौजूदगी अनिवार्य कर दी है। दो दिवसीय चर्चा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिस्सा लिया। वहीं, अमित शाह ने भाजपा संसदीय दल के नेताओं के साथ अलग से रणनीतिक बैठक की, जिसमें पीयूष गोयल और किरेन रिजिजू भी शामिल हुए।
संविधान के 75 साल पर होने वाली यह चर्चा भारतीय लोकतंत्र की सफलता, चुनौतियों और संविधान के मूल्यों पर केंद्रित होगी। इस बहस के जरिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी विचारधारा और नजरिए को सामने रखेंगे। यह चर्चा संविधान के प्रति सम्मान व्यक्त करने और आगे का रास्ता तय करने का अहम मौका है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा की मांग की थी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति बनने के बाद सदन में गतिरोध खत्म हुआ। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने की संभावना है।
संविधान दिवस पर इस चर्चा का उद्देश्य संसदीय कार्यवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के नागरिकों को संविधान के प्रति उनकी जिम्मेदारियों और अधिकारों की याद दिलाने का भी प्रयास है। यह बहस देश के राजनीतिक और सामाजिक ढांचे को मजबूत करने का एक प्रेरक माध्यम बनेगी।
दो दिवसीय यह चर्चा न केवल भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करेगी, बल्कि एक ऐसी परंपरा की शुरुआत भी करेगी, जहां संविधान को केंद्र में रखकर भविष्य की चुनौतियों का समाधान खोजा जा सकेगा।