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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल बंटवारे का फॉर्मूला तय, किस पार्टी को मिलेगी कितनी ताकत?

बीएस राय: महाराष्ट्र में बीजेपी को 20, शिवसेना को 12 और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिलेंगे. गृह मंत्री अमित शाह और सीएम देवेंद्र फडणवीस की बैठक में यह फॉर्मूला तय हुआ. महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद 14 दिसंबर तक कैबिनेट विस्तार संभव है. शिवसेना को शहरी विकास विभाग मिल सकता है.

महाराष्ट्र में बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार के लिए कैबिनेट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो गया है. बीजेपी को 20, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 12 और अजित पवार की एनसीपी को 10 मंत्री पद मिलेंगे. इस बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं और इसी के तहत यह बंटवारा किया गया है।

दिल्ली में फडणवीस-अमित शाह की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यह बैठक गृह मंत्री के आवास पर हुई, जहां मंत्रिमंडल के बंटवारे और विभागों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री बनने के बाद फडणवीस का यह पहला दिल्ली दौरा था। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा: “महाराष्ट्र के गतिशील मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। मुझे विश्वास है कि तीसरी बार सीएम के तौर पर उनका कार्यकाल महाराष्ट्र की विकास यात्रा को नई गति देगा। सफल कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं।” कैबिनेट विस्तार की पृष्ठभूमि दिल्ली दौरे से पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र के दोनों उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ विस्तृत बैठक की।

करीब 1.30 घंटे तक चली और मंत्रिमंडल में जगह के बंटवारे और विभागों के आवंटन पर विचार-विमर्श किया गया। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें हासिल की थीं। चुनावी जीत के बाद 5 दिसंबर को फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। किसे कौन सा विभाग मिलेगा?

सूत्रों के मुताबिक शिवसेना को गृह विभाग मिलने की संभावना कम है। हालांकि, उसे शहरी विकास विभाग और अन्य प्रमुख विभाग मिल सकते हैं। वहीं, शिवसेना को राजस्व विभाग मिलने की संभावना कम है। वहीं, भाजपा द्वारा वित्त और गृह जैसे प्रमुख विभाग अपने पास रखने की संभावना है। कैबिनेट विस्तार में देरी क्यों? भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कैबिनेट विस्तार में देरी की वजह बताई।

उन्होंने कहा, “महायुति में तीन दल (भाजपा, शिवसेना और राकांपा) शामिल हैं। सभी के बीच समन्वय बनाने और विभागों का उचित आवंटन सुनिश्चित करने के लिए समय लिया जा रहा है।” इसके बावजूद 14 दिसंबर तक मंत्रिमंडल विस्तार पूरा होने की संभावना है।

तीसरी बार मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस का यह कार्यकाल महाराष्ट्र की जनता के लिए महत्वपूर्ण है। तीन प्रमुख राजनीतिक दलों के इस गठबंधन ने राज्य की राजनीति में एक नई मिसाल कायम की है। यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और स्थायित्व के लिए एक नया विजन लेकर आई है।

महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तैयार किया गया फॉर्मूला महायुति के तीनों दलों के बीच सामंजस्य का प्रतीक है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह गठबंधन राज्य की विकास यात्रा को किस दिशा में ले जाता है। जनता को उम्मीद है कि यह सरकार अपने वादों को पूरा करेगी और महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

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