India-Bangladesh Relation: कैसे बिगड़ गए सबसे अच्छे दोस्त रिश्ते, कैसे होगी फिर से दोस्ती?
बीएस राय : शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई, जबकि बांग्लादेश ने इसे आंतरिक मामला बताया। दोनों देशों के विदेश सचिवों ने संबंधों को सुधारने पर चर्चा की, लेकिन मतभेद बरकरार रहे।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव गहराता जा रहा है। अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। उनके भारत आने के बाद दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी दोस्ती में कड़वाहट देखी जा रही है।
भारत और बांग्लादेश के विदेश सचिवों की पहली बैठक सोमवार को नई दिल्ली में हुई। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने इन घटनाओं को ‘अफसोसजनक’ बताया और दोनों देशों के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंधों की जरूरत पर जोर दिया।
दूसरी ओर, बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीमुद्दीन ने इसे ‘भ्रामक और गलत सूचना’ करार दिया। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश अपने आंतरिक मामलों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।” जशीमुद्दीन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा पर भारतीय मीडिया द्वारा ‘भ्रामक रिपोर्टिंग’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने भारत से इस पर लगाम लगाने और नकारात्मक प्रचार बंद करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि भारत हमारे लोगों के बीच विश्वास बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।” वहीं भारत ने स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंधों का पक्षधर है। मिस्री ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की और लोकतांत्रिक, स्थिर और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।
यूनुस ने भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने पर भी जोर दिया, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ओर से शेख हसीना के बयानों से बांग्लादेश में तनाव बढ़ा है। तीस्ता जल बंटवारे के समझौते और गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर भी बैठक में चर्चा हुई। बांग्लादेश ने भारत से आयात-निर्यात बाधाओं को हटाने का आग्रह किया, जबकि भारत ने साझा जल संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग का आह्वान किया।
हाल के हफ्तों में, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़ ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब कर दिया है। त्रिपुरा के अगरतला में बांग्लादेश के उप उच्चायोग में प्रदर्शनकारियों के घुसने की घटना ने भी स्थिति को जटिल बना दिया है।
हालांकि, दोनों पक्षों ने आपसी विश्वास और सम्मान के साथ मुद्दों को सुलझाने की उम्मीद जताई है। बांग्लादेश ने तीस्ता जल समझौते पर प्रगति और गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर भारत के सकारात्मक रुख की उम्मीद जताई है।
शेख हसीना के भारत में शरण लेने और बांग्लादेश में चल रही घटनाओं के कारण दोनों देशों के बीच गहरे कूटनीतिक तनाव पैदा हो गए हैं। इसके बावजूद दोनों पक्षों ने बातचीत के जरिए विवादों को सुलझाने और पुराने दोस्ताना संबंधों को बहाल करने की कसम खाई है। आने वाले महीनों में भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में सुधार की संभावना बनी हुई है।