हेल्थ टूरिज्म आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा से ही प्रारम्भ हुआ, इस कार्य को और बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री

  • प्रधानमंत्री के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर के सपने और हर घर नल योजनाके दृष्टिगत पोखरी में उल्लेखनीय कार्य हुआ
  • मुख्यमंत्री ने ग्राम जामली, पोखरी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में पतंजलि वेलनेस के योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इण्टीग्रेटेड चिकित्सा के केन्द्र वेदालाइफ-निरामयम्का उद्घाटन किया
  • मेडिसनल प्लाण्ट्स, हर्बल प्लाण्ट्स तथा वेलनेस सेण्टर का विकास हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हेल्थ टूरिज्म आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा से ही प्रारम्भ हुआ है। इस कार्य को और बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री आज ग्राम जामली, पोखरी, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड में पतंजलि वेलनेस के योग, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक चिकित्सा की इण्टीग्रेटेड चिकित्सा के केन्द्र ‘वेदालाइफ-निरामयम्’ का उद्घाटन करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण भी किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिसनल प्लाण्ट्स, हर्बल प्लाण्ट्स तथा वेलनेस सेण्टर का विकास हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक है। पतंजलि वेलनेस सेण्टर इसका सबसे अच्छा माध्यम बन रहा है। यहां पर अन्य कई संस्थाएं खड़ी हो सकती हैं। एफ0पी0ओ0 गठित हो सकते हैं, स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से इस कार्यक्रम को और गति दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर के सपने और ‘हर घर नल योजना’ के दृष्टिगत पोखरी में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। पोखरी में पहाड़ी की चोटी पर 02 किलोमीटर पर पानी पहुंचाना सबसे बड़ी बात है। पहाड़ी क्षेत्रों में खेतों को बंजर न रखकर, उनकी जुताई से पानी पहाड़ों के अन्दर जाएगा और वनस्पतियों को विकसित होने का अवसर मिलेगा। वनस्पतियां अपने अन्दर पानी को सोखकर आवश्यकतानुसार उसका विसर्जन करेंगी। इस प्रक्रिया से अपने आप में एक ईको सिस्टम बनता है। इससे यह पूरा क्षेत्र मनुष्य सहित तमाम जीव-जन्तुओं के लिए बेहतरीन शरणस्थली बनेगा।

मुख्यमंत्री ने पोखरी के विकास के लिए स्वामी बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज यहां जंगल में मंगल देखने को मिल रहा है। पहले पोखरी में हरियाली नहीं थी। आज यहां पर चन्दन हो रहा है। उन्होंने स्वयं यहां की खुबानी का स्वाद लिया है। यहां इतनी ऊँचाई पर उगाए जा रहे उत्पाद हर्बल भी हैं और जैविक भी।

इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के परमाध्यक्ष स्वामी रामदेव जी, महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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