सावन शिवरात्रि कब है 1 या 2 अगस्त, जानें तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि!

सावन माह की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि के दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से वह बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.

अगर कोई भक्त सच्चे मन से श्रावण शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करता है तो उसकी हर मनोकामनाएं पूरी हो जाती है साथ ही अविवाहितों को मनचाहा वर या वधू प्राप्त होते हैं. सावन का यह दिन भगवान शिव-पार्वती के मिलन का भी प्रतीक है. इस साल सावन की मासिक शिवरात्रि 02 अगस्त को मनाई जाएगी. आइए  जानते हैं सावन शिवरात्रि की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में.

सावन शिवरात्रि तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03:26 बजे शुरू होगी. वहीं यह तिथि अगले दिन यानी 03 अगस्त को दोपहर 03:50 बजे समाप्त होगी. शिवरात्रि के दिन निशा काल में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है. इसलिए इस बार सावन की शिवरात्रि 02 अगस्त को मनाई जाएगी. ऐसे में सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त 2024 को रखा जाएगा.

सावन शिवरात्रि की पूजा विधि

  • सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठने की कोशिश करें. स्नान करने से बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें.
  • एक बर्तन में दूध, पानी, चावल, चीनी और पूरा पानी लें. इसके बाद सभी पूजन सामग्री और जल को मंदिर में ले जाएं.
  • मंदिर में सबसे पहले भगवान भोलेनाथ के आगे हाथ जोड़ें और उनसे अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करें. 
  • भगवान भोलेनाथ पर सबसे पहले चंदन लगाएं और इत्र अर्पित करें. मां पार्वती और नंदी जी पर फूल चढ़ाएं.
  • मां पार्वती जी को कुमकुम का तिलक करने के बाद भगवान गणेश और कार्तिकेय जी को भी कुमकुम का तिलक करें.
  • भगवान गणेश और कार्तिकेय को कुमकुम का तिलक करने के बाद माता पार्वती को भी कुमकुम का तिलक लगाएं.

अब “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए भगवान शिव पर जल अर्पित करें. 

भगवान के आगे हाथ जोड़ें और उनसे अपनी पूजा में हुई भूल की क्षमा याचना अवश्य करें.

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