परिक्षेत्रीय साइबर थानों पर महिला साइबर हेल्प डेस्क खोली गई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश में साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर प्रयास किये गये हैं जिसके सार्थक नतीजे सामने आये है।
इसके तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सभी परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस थानों पर 660 अभियोग पंजीकृत कर 470 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है। उक्त अभियोगों में 2.2 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि साइबर अपराधियों से बरामद की गयी है तथा 5 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि बैंक खातों में होल्ड करायी गयी है।
साथ ही प्रदेश के अन्य सभी थानों में उक्त अवधि में साइबर अपराधों के संबंध में 10290 अभियोग अब तक पंजीकृत किये गये तथा 2600 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी कर 6.24 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि साइबर अपराधियों से बरामद की गयी है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने प्रदेश में साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हुई उपलब्धियों के संबंध में उक्त जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी 16 परिक्षेत्रीय मुख्यालयों पर साइबर थानों की स्थापना कर इन सभी को क्रियाशील किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 16 परिक्षेत्रीय थानों हेतु शासन द्वारा 256 पदों का सृजन किया गया है।
अवस्थी ने बताया कि परिक्षेत्रीय साइबर थानों पर महिला साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है, जो इन अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए हर सम्भव मदद प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि साइबर बुलिंग की शिकार महिलाओं की मदद हेतु वूमेन पाॅवर लाइन 1090 के अन्तर्गत अपराधी की पहचान एवं अवैध कंटेन्ट हटाने के लिए अत्याधुनिक साइबर फाॅरेंसिक टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है।
अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम राम कुमार ने बताया है कि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु साइबर सेफ पोर्टल का संचालन किया जा रहा है, जिसपर जालसाजों के मोबाइल नम्बर, बैंक खाता संख्या एवं वेबसाइट आदि को अपलोड किया जाता है। प्रदेश में अब तक साइबर सेफ पोर्टल के माध्यम से 26 हजार से अधिक मोबाइल नम्बरों को ब्लाक कराया जा चुका है, जो साइबर अपराधों में अंकुश लगाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। साइबर वित्तीय धोखाधड़ी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु हेल्प लाइन संख्या-155260 को शुरू किया गया है, जो चैबीसों घण्टों कार्य कर रहा है।
राम कुमार ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु लगे पुलिस कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित भी कराया जा रहा है। इसके तहत वर्तमान में Cyber Prevention Against Women & Children (CCPWC) योजना के तहत 1386 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि समस्त साइबर क्राइम पुलिस थानों पर विवेचनाओं एवं उनके पर्यवेक्षण आदि के लिए एन0सी0आर0पी0 पोर्टल/साइबर सेफ पोर्टल/हेल्प डेस्क व क्षेत्रीय अपराध समन्वय केन्द्र के पर्यवेक्षण का कार्य साइबर मुख्यालय द्वारा प्रभावी रूप से किया जा रहा है।