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एशियाई चैंपियनशिप : पांच भारतीय युवा मुक्केबाजों ने जड़े स्वर्णिम पंच

पांच युवा भारतीय मुक्केबाजों ब्रिजेश टम्टा, आर्यन हुड्डा, यशवर्धन सिंह, लक्ष्मी और निशा ने एएसबीसी एशियाई अंडर-22 और युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते।

ब्रिजेश ने पुरुषों के 48 किग्रा फाइनल में ताजिकिस्तान के मुमिनोव मुइनखोदझा को 5-0 से हराकर भारत को टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। आर्यन (51 किग्रा) ने किर्गिस्तान के कामिलोव जफरबेक के खिलाफ 5-0 की जीत से भारत का दबदबा जारी रखा।

यशवर्धन सिंह (63.5 किग्रा) को ताजिकिस्तान के गफूरोव रुस्लान के खिलाफ 4-1 की जीत के दौरान काफी पसीना बहाना पड़ा। महिला वर्ग में मौजूदा जूनियर विश्व चैंपियन निशा ने 52 किग्रा वर्ग में कजाखस्तान की ओटिनबे बागजान को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

लक्ष्मी (50 किग्रा) ने भारत के लिए पांचवां स्वर्ण पदक जीता, मंगोलिया की एंख नोमुंडारी के खिलाफ रैफरी ने मुकाबला रुकवाकर (आरएसी) भारतीय मुक्केबाज को विजेता घोषित किया।

मुक्केबाजों सागर जाखड़ (60 किग्रा), प्रियांशु (71 किग्रा), राहुल कुंडू (75 किग्रा), आर्यन (92 किग्रा), तमन्ना (54 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा), सृष्टि साठे (63 किग्रा), रुद्रिका (75 किग्रा) और खुशी पूनिया (81 किग्रा) को अपने-अपने फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी मुक्केबाज प्रीति (54 किग्रा) ने पांच अन्य भारतीय महिलाओं के साथ अंडर-22 फाइनल में जगह बनाई। युवा वर्ग में 22 पदक और अंडर-22 में 21 पदक के साथ भारतीय टीम ने प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में 43 पदक पक्के किए हैं।

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