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इस तरह से भोग लगाने पर नाराज हो सकते हैं इष्टदेव, जानिए भोग लगाने का सही तरीका

सनातन धर्म में पूजा-पाठ में सही नियमों का पालन करना बेहद जरूरी माना गया है। भक्त अपने आराध्य की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं औऱ उनको भोग लगाते हैं। मान्यता के मुताबिक भगवान को भोग स्वरूप जो प्रसाद अर्पित किया जाता है, उसको भगवान स्वयं ग्रहण करते हैं। लेकिन भोग लगाने व बनाने के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।क्योंकि कुछ लोग भोग लगाने के बाद कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण उनके इष्टदेव उनसे नाराज हो सकते हैं। इसलिए कुछ बातों का खास ख्याल ऱखना चाहिए। तो आइए जानते हैं कि भगवान को भोग लगाने के बाद उसे सबसे पहले किसे खिलाना चाहिए।न करें ये गलती

पूजा के दौरान लोगों को भूलकर भी कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। कई लोग भगवान के लिए जो भोग बनाकर तैयार करते हैं, उसी में थोड़ा सा अलग निकालकर खाना शुरूकर देते हैं। फिर उसमें से निकालकर भगवान को भोग लगा देते हैं। लेकिन बता दें कि शास्त्रों में ऐसा करना वर्जित माना गया है। इसलिए अगर आप भगवान के लिए भोग बनाते हैं, तो उसका सीधे भोग लगाना चाहिए।

भोग लगाने के बाद किसे खिलाएं

भगवान को भोग लगाने के बाद इसे सबसे पहले गाय को खिलाना चाहिए। क्योंकि हिंदू धर्म के मुताबिक गौ माता में सभी देवी-देवता वास करते हैं और गाय को भोग खिलाने से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। इससे व्यक्ति पर भगवान की कृपा बनी रहती है।

भोग घर के बच्चे को खिलाएं

अगर आपको भोग खिलाने के लिए गौ माता नहीं मिल रही हैं, तो आप इसको घर के सबसे छोटे बच्चे को खिला सकते हैं। बताया जाता है कि छोटे बच्चों को भगवान का स्वरूप माना जाता है। इसलिए भोग आप बच्चे को खिला सकती हैं। इससे आपको शुभ परिणाम मिल सकता है।

भोग लगाने के दौरान इस बात का रखें ध्यान

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भोग लगाने के दौरान कई बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भगवान को प्याज और लहसुन वाला भोग नहीं लगाना चाहिए। भोग बनाने वाले स्थान को साफ-सुथरा रखना चाहिए। साथ ही इस स्थान को गंगाजल से पवित्र करना चाहिए।

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