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महाशिवरात्रि पर्व पर सुने भगवान भोलेनाथ के ये 10 भजन, शिव की भक्ति में डूब जाएंगे आप

8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि का पर्व है , इस दिन भगवान भोलेनाथ की शादी माता पार्वती से हुई थी। महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है यह पर्व भोलेनाथ को समर्पित है। यह दिन शिव के विवाह दिवस का प्रतीक है। महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाई जाती है, इस बार महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 शुक्रवार को मनाई जाएगी। महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की आराधना की जाती है इसके साथ ही उपवास भी रखते है। महाकाल के भक्त महाशिवरात्रि के दिन घर में भक्तिमय माहौल बनाने के लिए सुने भगवान शिव के यह 10 भजन।

हाशिवरात्रि के खास मौके पर प्ले करें ये भजन

– तेरे डमरु की धुन सुनके मैं काशी नगरी आई हूं- गायक सपना विश्वकर्मा

– शिव शंकर को जिसने पूजा उसका बेड़ा पार हुआ – गायक अनुराधा पौडवाल और गुलशन कुमार

– ओम नमः शिवाय का जाप करो भाई- गायक अजय जी

– हे शिव शंकर- गायक पंडित संजीव अभ्यंकर

– शिव अमृतवाणी

– सांसों की माला पे सिमरु में शिव का नाम

– बम बम भोले- गायक अनुराधा पौडवाल

– ओ मन मेरे शिव शिव जप लें – गायक मनोज के

– चलो भोले भंडारी- गायक विनोद राठौड़

– सुबह-सुबह ले शिव का नाम शिव आएंगे तेरे काम- गायक गुलशन कुमार

महाशिवरात्रि पर्व क्यों मनाया जाता है जानें कारण

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार , महाशिवरात्रि पर्व के पीछे मनाने के कारण एक नहीं बल्कि तीन कारणों से मनाया जाता है। पहला कारण इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह मान्यता सबसे अधिक प्रसिद्ध है। लेकिन इसके पीछे दो कारण और है जिन्हें आपको पता होना चाहिए।

शिवलिग स्वरुप की उत्पत्ति

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव अपने शिवलिंग स्वरुप में प्रकट हुए थे। इस दिन पहली बार भगवान विष्णु और ब्रह्मदेव उनकी विधि-विधान से पूजा की थी। महाशिवरात्रि मनाने का यह भी कारण है।

समुद्र मंथन के बाद शिव ने पिया विष

असुर और देवताओं के बीच जब समुद्र मंथन हुआ था उस दौरान पहली बार जहर का कटोरा निकला था। उस दौरान सृष्टि को बचाने के लिए भगवान भोलेनाथ ने विषपान किया था। जिस दिन भगवान शिव ने इस विष का सेवन किया था, उस दिन महाशिवरात्रि यानी फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी।

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