सेमीफाइनल : जर्मनी ने भारत को बाहर किया, अब अर्जेंटीना से कांसे के लिए टक्कर

मेजबान भारत के लिए जूनियर हॉकी विश्व कप का सेमीफाइनल एक ऐसी रात बन गया जिसने दिखा दिया कि कमजोर रक्षा के साथ जर्मनी जैसी शीर्ष टीमों का सामना करना कितना कठिन है। भारी समर्थन के बावजूद भारतीय टीम शुरुआत से ही लय में नहीं दिखी और पहले ही हाफ में तीन गोल खाकर लड़खड़ा गई।

नतीजा—सात बार की चैम्पियन जर्मनी ने रविवार को भारत को 5–1 से हराते हुए फाइनल में जगह बनाई। अब भारतीय टीम 10 दिसंबर को कांस्य पदक के मुकाबले में अर्जेंटीना से भिड़ेगी, जिसे स्पेन ने दूसरे सेमीफाइनल में 2–1 से हराया।

मैच में जर्मनी पूरी तरह हावी रहा। टीम से लुकास कोसेल ने दो गोल दागे, जबकि वेक्स टाइटस, जोनास वोन गरसम और बेन हासबाश ने एक-एक गोल किया। भारत की ओर से एकमात्र गोल 51वें मिनट में अनमोल इक्का ने पेनल्टी कॉर्नर पर किया।

@TheHockeyIndia

दो बार की चैंपियन भारतीय टीम और जर्मनी के खेल में फर्क हर मिनट साफ दिख रहा था। बेल्जियम को रोमांचक शूटआउट में हराकर सेमीफाइनल तक पहुँची भारतीय टीम शुरुआत से ही दबाव में आ गई।

जर्मनी ने अपनी सटीक पासिंग और रफ्तार के दम पर पहले तीन मिनट में ही जस्टस वारवेग की अगुवाई में भारतीय गोल पर तीन हमले बोलकर माहौल का अंदाज़ा दे दिया था। 14वें मिनट में जर्मनी को मिला पहला पेनल्टी कॉर्नर पेनल्टी स्ट्रोक में बदला और कोसेल ने इसे आसानी से गोल में बदल दिया। इसके ठीक सात सेकंड बाद भारतीय रक्षा एक बार फिर ढह गई।

गेंद जर्मन हाफ में थी, लेकिन एन किरिन ने दाएं छोर से शानदार पास दिया, जिसे वारवेग ने बीच में बिना गलती किए टाइटस को बढ़ाया और भारतीय डिफेंडरों व गोलकीपर के संभलने से पहले ही टाइटस ने स्कोर 2–0 कर दिया।

दूसरे क्वार्टर में भी भारतीय टीम गेंद पर नियंत्रण पाने में नाकाम रही। हाफटाइम से कुछ सेकंड पहले मिले पेनल्टी कॉर्नर पर कोसेल ने एक और गोल जोड़कर स्कोर 3–0 कर दिया।

दूसरे हाफ की शुरुआत में प्रिंसदीप ने दो बढ़िया बचाव किए, जबकि 31वें मिनट में भारत एक सुनहरा मौका गंवा बैठा—पहले रोशन कुजूर का स्ट्रेट हिट जर्मन गोलकीपर ने रोका और रिबाउंड पर सौरभ आनंद कुशवाहा गेंद ठीक से कलेक्ट ही नहीं कर सके।

34वें मिनट में जर्मनी को तीसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस बार अंकित पाल ने कोसेल के शॉट को बाहर निकाल दिया। हालांकि 40वें मिनट में टीम की कमजोरी फिर सामने आई—एलेक वोन श्वेरिन के शॉट पर बिल्कुल सामने खड़े गरसम ने हल्की सी स्टिक लगा दी और गेंद भारतीय गोल में समा गई।

इसके बाद भी जर्मन आक्रमण रुका नहीं। 49वें मिनट में बेन हासबाक ने वारवेग से हवा में मिली गेंद को खूबसूरती से नियंत्रित करते हुए पहले गोलकीपर और फिर अनमोल को छकाकर पाँचवाँ गोल दाग दिया।

भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर 50वें मिनट में मिला। कप्तान रोहित का शॉट जर्मन डिफेंडर के पैर पर लगा, जिससे भारत को दूसरा कॉर्नर मिला और इसी मौके पर रोहित के बैक-पास पर अनमोल इक्का ने भारत का इकलौता गोल किया।

Related Articles

Back to top button