Trending

ऑपरेशन सिंधु: 2 हजार भारतीयों की वतन वापसी, पड़ोसी देशों को भी राहत

नई दिल्ली (शाश्वत तिवारी)। ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान से अभी तक कुल 1,713 भारतीयों को सुरक्षित निकालकर स्वदेश लाया गया है। दूसरी तरफ रविवार को 160 भारतीयों के एक जत्थे को इजरायल से निकालकर जॉर्डन पहुंचाया गया, जिसके बाद सोमवार को उनकी वतन वापसी सुनिश्चित हुई। तेल अवीव से जॉर्डन के रास्ते 320 भारतीय सुरक्षित निकाले जा चुके हैं। ऑपरेशन के तहत दोनों देशों से अभी तक 2 हजार से अधिक भारतीयों को घर पहुंचाया गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हालिया निकासी की जानकारी देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत की निकासी के प्रयास जारी हैं। 22 जून की रात 11:30 बजे नई दिल्ली में उतरी मशहद से विशेष उड़ान से निकाले गए 285 भारतीय नागरिकों का विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने स्वागत किया। इसके साथ ही अब तक 1,713 भारतीय नागरिकों को ईरान से स्वदेश लाया जा चुका है। वतन वापसी के बाद भारतीयों ने नई दिल्ली में एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि भारत लौटकर जो महसूस हो रहा है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने बिगड़ते हालात के बीच समय रहते उन्हें सुरक्षित अपने घर पहुंचाने के लिए तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय का धन्यवाद किया।

भारत ने ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर इन दोनों देशों में रहने वाले भारतीय छात्रों और कामगारों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए पिछले सप्ताह ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया था। अब इस ऑपरेशन के तहत भारत न केवल अपने निवासियों को बाहर निकालने का काम करेगा, बल्कि अपने पड़ोसी देश नेपाल और श्रीलंका के फंसे हुए नागरिकों को भी बाहर निकालेगा, जोकि भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का जीवंत उदाहरण है।
कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा नेपाल और श्रीलंका की सरकारों के अनुरोध पर, ईरान स्थित भारतीय दूतावास अपने ऑपरेशन सिंधु निकासी प्रयासों में नेपाली और श्रीलंकाई नागरिकों को भी शामिल करेगा।

नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का आभार जताते हुए कहा कि जिस तरह से भारत ने ईरान से नेपाली नागरिकों को निकालने में तत्परता दिखाई है, उससे भारत और नेपाल के संबंधों की दृढ़ता का पता चलता है।

Related Articles

Back to top button