श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन छोड़ने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी

कोलंबो। सात दशक के इतिहास में सबसे खराब दौर से गुजर रहे श्रीलंका में चारों तरफ अराजकता का माहौल है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर रहे हैं। वह वहां से किसी भी कीमत पर हटने को तैयार नहीं हैं। देश आर्थिक संकट की वजह से राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। हालांकि इस बीच सभी दलों में सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन पर सहमति बन गई है।

राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद इस सरकार का गठन होगा। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पहले ही सर्वदलीय सरकार के गठन का संकेत दे चुके हैं। राष्ट्रपति भवन का नजारा पिकनिक स्पाट जैसा है। लोग अपने बच्चों के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच रहे हैं और शाही दावत का लुत्फ उठा रहे हैं। रविवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के उपायों पर चर्चा की गई। इसी में सर्वदलीय सरकार बनाने का निर्णय किया गया। किसी अज्ञात स्थान पर रह रहे राष्ट्रपति गोटाबाया ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्दना के जरिये शनिवार को जानकारी दी थी कि वह 13 जुलाई को अपना पद छोड़ देंगे।

इस बीच मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया के महासचिव रंजीत मद्दुमा बंडारा ने कहा है-‘हमारा लक्ष्य एक सीमित अवधि के लिए सभी दलों की अंतरिम सरकार बनाना और फिर संसदीय चुनाव कराना है।’ सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजना पेरामुना पार्टी से अलग हुए गुट के नेता विमल वीरावानसा ने कहा है कि इस सरकार में सभी दलों का प्रतिनिधित्व होगा। इसी गुट के नेता वासुदेव नानायकारा का कहना है कि इ्सके लिए राजपक्षे के 13 जुलाई को इस्तीफा देने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

राष्ट्रपति भवन में घुसे लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसा आवास नहीं देखा। राष्ट्रपति भवन के जिम, बेडरूम, ड्राइंग रूम, किचन हर जगह प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति आवास से 1.78 करोड़ रुपये की नकदी मिली है। सारा पैसा स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है। इस बीच पुलिस ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

श्रीलंका के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शवेंद्र सिल्वा ने लोगों से शांति बनाए रखने में सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की है। राष्ट्रपति गोटाबाया ने अज्ञात स्थान से ही अधिकारियों को लोगों को घरेलू गैस वितरित करने का आदेश दिया है। श्रीलंका को 3,700 मीट्रिक टन एलपीजी मिली है और 11 जुलाई को 3,740 और 15 जुलाई को और 3,200 मीट्रिक टन एलपीजी आने वाली है। इस बीच निवेश प्रमोशन मंत्री धमीका परेरा, पर्यटन मंत्री हरीन फर्नाडो और श्रम व विदेश रोजगार मंत्री मनुषा नानायकारा ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन ने कहा है कि गोटाबाया और विक्रमसिंघे को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।

Related Articles

Back to top button